नव ब्रह्मा मंदिर, कुरनूल

स्थान: कुरनूल
देवता: भगवान शिव। ये हैं तारक ब्रह्मा, स्वर्गा ब्रह्मा, पद्म ब्रह्मा, बाला ब्रह्मा, गरुड़ ब्रह्मा, कुमार ब्रह्मा, अर्क ब्रह्मा, वीर ब्रह्मा और विश्व ब्रह्मा। ये मंदिर तुंगभद्रा नदी के बाएं किनारे पर एक प्रांगण में स्थित हैं। बाला ब्रह्मा मंदिर पूजा का प्रमुख मंदिर है। यहाँ के शिलालेखों के अनुसार यह 702 ईस्वी पूर्व का है।

तारक ब्रह्मा मंदिर आंशिक रूप से खंडहर है, और गर्भगृह में कोई छवि नहीं है। यह 6 वीं -7 वीं शताब्दी ईस्वी से एक तेलुगु शिलालेख है।
स्वर्ग ब्रह्मा मंदिर में एक भव्य मीनार है और इसे आलमपुर में सबसे अच्छा माना जाता है। यह चालुक्य वास्तुकला और मूर्तिकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसमें आधार-राहत में कई मूर्तियां शामिल हैं, और यह 8 वीं शताब्दी के अंत में वापस आती है।
पद्म भ्राब्रह्मा मंदिर आंशिक रूप से खंडहर में है, और इसमें फिनिश जैसे दर्पण के साथ स्पष्ट पत्थर का एक शिवलिंगम है।
विश्व ब्रह्मा मंदिर, नव ब्रह्मा मंदिरों में से सबसे कलात्मक है। यहां की मूर्तियां महाकाव्यों के दृश्यों को चित्रित करती हैं।

प्रांगण में संलग्न सूर्यनारायण मंदिर भी है, जो 9 वीं शताब्दी का है। इस मंदिर में विष्णु के अवतारों को दर्शाने वाले आधार-मंदिर हैं। विजयनगर साम्राज्य के कृष्णदेवराय के काल के शिलालेखों के साथ एक नरसिम्हा मंदिर भी है।

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