विश्व आर्द्रभूमि दिवस कब मनाया जाता है?
2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है, इसकी थीम “आर्द्रभूमि व जलवायु परिवर्तन” है। इस थीम का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग का सामना करने में आर्द्रभूमि जैसे दलदल तथा मंग्रोव के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।
आर्द्रभूमि का महत्व
• विश्व की 90% आपदाएं जल से सम्बंधित होती हैं तथा यह तटीय क्षेत्रों में रहने वाले 60% लोगों को बाढ़ अथवा सूनामी से प्रभावित करती है।
• आर्द्रभूमि एक प्राकृतिक व कुशल कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है। उदाहरण के लिए दलदलीय काई भूमि के केवल 3% हिस्से पर फैली हुई है, परन्तु यह विश्व भर सभी वनों के मुकाबले दोगुनी मात्र में कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता रखती है।
• आर्द्रभूमि जलवायु सम्बन्धी आपदाओं के विरुद्ध बफर के रूप में कार्य करती हैं, इससे जलवायु परिवर्तन के आकस्मिक प्रभावों से बचा जा सकता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस का उद्देश्य आर्द्रभूमि के संरक्षण की ओर ध्यान केन्द्रित करना है जो मानव गतिविधि से प्रभावित हो सकता है। आर्द्रभूमि की नष्ट होने की दर लगभग 1% है जो की वनों के नष्ट होने की दर से काफी अधिक है। 2 फरवरी, 1971 को ईरान के शहर रामसर में रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किये गये थे, इसका उद्देश्य आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए कार्य करना है।