जॉर्डन संकट (Jordan Crisis) क्या है?
जॉर्डन एक एकात्मक राज्य (unitary state) है जो एक संवैधानिक राजतंत्र के तहत शासित है। एकात्मक राज्य वह राज्य है जिसे एक एकल इकाई के रूप में नियंत्रित किया जाता है जहां केंद्र सरकार अंततः सर्वोच्च है। एक संवैधानिक राजतंत्र में, एक सम्राट (शासक या राजा) लिखित या अलिखित संविधान के अनुसार अधिकार का प्रयोग करता है।
जॉर्डन संकट क्या है?
पूर्व क्राउन प्रिंस हमजा (Hamzah) को हाल ही में घर में ही नजरबंद किया गया था। वह राजा अब्दुल्ला के सौतेले भाई हैं। हमजा पर राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का आरोप लगाया गया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्होंने आदिवासी नेताओं के साथ बैठकों में भाग लिया, जिन्होंने सत्ताधारी सम्राट की खुलकर आलोचना की। जॉर्डन सरकार के अनुसार, देश को अस्थिर करने के लिए एक राजनीतिक तख्तापलट की कोशिश की गई थी। सरकार का यह भी कहना है कि इस बैठक में विदेशी संस्थाओं ने भी भाग लिया।
जॉर्डन में स्थिरता का क्या महत्व है?
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद जॉर्डन का निर्माण किया गया था।यह दुनिया के उस हिस्से में दशकों से स्थिर है जो संघर्ष और राजनीतिक अनिश्चितता से ग्रस्त है। खाड़ी और पश्चिमी देशों के अनुसार, जॉर्डन एक रणनीतिक साझेदार है जिसे क्षेत्र में आगे के राजनीतिक उद्देश्यों के लिए भरोसा किया जा सकता है। क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए जॉर्डन के खुफिया तंत्र का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में संघर्ष में सीरियाई संकट, इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष आदि शामिल हैं, जॉर्डन ने युद्ध प्रवण क्षेत्रों से शरणार्थियों के लिए एक अच्छे मेजबान के रूप में कार्य किया है। आज शरणार्थी जॉर्डन की आधी आबादी का हिस्सा हैं।
- 2003 में इराक पर अमेरिकी आक्रमण के दौरान, जॉर्डन ने इराक से आए शरणार्थियों का स्वागत किया था।वर्तमान में यह सीरिया से आये 10 लाख शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है।
- जॉर्डन इजराइल और फिलिस्तीन के बीच भविष्य के शांति सौदों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
क्षेत्रीय शक्तियों के साथ जॉर्डन के सम्बन्ध
- शुरुआत में जॉर्डन ने अमेरिका के साथ और संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब की सुन्नी मुस्लिम शक्तियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे।वे एक साथ ईरान के शियाओं के खिलाफ खड़े हैं।
- 1994 में, जॉर्डन ने इजरायल के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए और तब से दोनों देश राजनयिक संबंध बनाए हुए हैं।हालांकि, 2017 में सऊदी-यूएई द्वारा कतर की नाकेबंदी के बाद घर्षण शुरू हुआ था। सऊदी और यूएई ने चरमपंथी समूहों के साथ अपने संबंधों के लिए कतर को दंडित करने करने का प्रयास किया था। जॉर्डन ने भी कतर के साथ अपने संबंधों को कम कर दिया था। हालांकि, इसने कतर के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे। इसने कतर से वित्तीय सहायता भी स्वीकार की। इससे क्षेत्र में जॉर्डन और सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के बीच तनाव पैदा हो गया।
- जॉर्डन को तुर्की के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।
- यूएई के इजरायल के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने के बाद, क्षेत्र के समन्वयक के रूप में जॉर्डन की भूमिका कम हो गई है।
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