ब्लूबगिंग (Bluebugging) क्या है?

आंध्र प्रदेश में प्रकाशम जिले सहित कई क्षेत्रों में साइबर अपराध का बढ़ना चिंता का विषय रहा है। जिले की पुलिस अधीक्षक मलिका गर्ग ने लोगों से खुद को ब्लूबगिंग हमलों से बचाने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह किया है।

ब्लूबगिंग क्या है?

ब्लूबगिंग हैकिंग का एक रूप है जिसमें किसी डिवाइस को उसके खोजने योग्य ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से एक्सेस करना शामिल है। एक बार डिवाइस के ब्लूबग हो जाने के बाद, एक हैकर कॉल सुन सकता है, संदेश पढ़ सकता है और भेज सकता है, और कोन्टक्ट को चुरा सकता है और संशोधित कर सकता है। इस प्रकार का हमला विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि कई स्मार्टफोन में डिस्कवरी मोड पर उनकी ब्लूटूथ सेटिंग्स होती हैं, जिससे हैकर्स के लिए डिवाइस के 10 मीटर के दायरे में पहुंच बनाना आसान हो जाता है।

डाटा सुरक्षा

ब्लूबगिंग हमले में हैकर्स संवेदनशील जानकारी, फोटो और फाइलों को चुरा सकते हैं। इस चोरी हुए डेटा का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए किया जा सकता है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए, डेटा को सुरक्षित करना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उपकरण कमजोरियों से मुक्त हों।

ब्लूबगिंग हमलों कैसे रोका जा सकता है?

ब्लूबगिंग हमलों को रोकने के लिए, एक यूजर को ब्लूटूथ-युग्मित उपकरणों को हटाना या अक्षम करना चाहिए, नियमित रूप से अपने स्मार्टफोन पर सिस्टम सॉफ़्टवेयर को अपडेट करना चाहिए, खुले वाईफाई के उपयोग को प्रतिबंधित करना चाहिए, एक वीपीएन को सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत के रूप में स्थापित करना चाहिए। इन सावधानियों का पालन करके, उपयोगकर्ता यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका उपकरण सुरक्षित है।

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