जम्मू-कश्मीर में किया जायेगा परिसीमन (Delimitation)

25 जून, 2021 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के 8 दलों के 14 नेताओं ने हिस्सा लिया। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के विभाजन और अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद यह इस प्रकार की पहली बैठक थी।

मुख्य बिंदु

इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की बात कही गयी। परिसीमन का अर्थ है जनसँख्या के आधार के विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं में बदलाव। परिसीमन के बाद ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाए जायेंगे। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार परिसीमन 1994-95 में हुआ था। वर्तमान में कश्मीर में 46 सीटें और जम्मू में 37 सीटें हैं। इस बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की।

पृष्ठभूमि

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था। भारत सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को यह विशेष दर्जा समाप्त किया और जम्मू-कश्मीर का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में किया। यह दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश 30 अक्टूबर, 2019 को अस्तित्व में आये। जम्मू और कश्मीर में एक विधायिका है जबकि लद्दाख कोई विधायिका नहीं है।

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