जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े बने भारत के 47वें मुख्य न्यायधीश
जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े ने भारत के नए मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ले ली है। जस्टिस बोबड़े भारत के 47वें मुख्य न्यायधीश हैं। उनका कार्यकाल 17 महीने का होगा, वे 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई का स्थान लिया है।
जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवम्बर, 2019 को भारत के मुख्य न्यायधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं। उन्होंने 3 अक्टूबर, 2018 को भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली थी। उन्होंने जस्टिस दीपक मिश्रा का स्थान लिया था। उन्होंने 3 अक्टूबर, 2018 से 17 नवम्बर, 2019 तक भारत के मुख्य न्यायधीश के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल लगभग 13 महीने का रहा। जस्टिस रंजन गोगोई उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से देश के मुख्य न्यायधीश बनने वाले पहले व्यक्ति हैं।
प्रक्रिया के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायधीश को मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया जाता है। सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य न्यायधीश अगले मुख्य न्यायधीश के नाम की अनुशंसा विधि मंत्री को भेजते हैं। विधि मंत्री इस नाम को प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और वे राष्ट्रपति से इस पर विचार-विमर्श करते हैं।
जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े
शरद अरविन्द बोबडे मौजूदा समय में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश हैं। वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। वे 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। वे नागपुर से हैं। उनके दादाजी एक वकील तथा उनके पिताजी अरविन्द बोबडे महाराष्ट्र में एक अधिवक्ता थे। शरद अरविन्द बोबडे के बड़े भाई विनोद अरविन्द बोबडे एक संवैधानिक विशेषज्ञ तथा सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील थे।
Categories: विधि एवं विधेयक करेंट अफेयर्स
Month: करेंट अफेयर्स - नवंबर, 2019
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