भारत ने आधिकारिक तौर पर उत्सर्जन सूची (Emission List) का समर्थन किया

भारत ने आधिकारिक तौर पर विकसित देशों के ऐतिहासिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को सूचीबद्ध करते हुए भारतीय जलवायु विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई एक वेबसाइट को एंडोर्स किया।

मुख्य बिंदु 

  • स्कॉटलैंड के ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (COP) के शुरू होने से पहले भारत ने उत्सर्जन सूची का समर्थन किया।
  • विकसित और विकासशील देशों के उत्सर्जन के बीच असमानता को उजागर करने के उद्देश्य से यह उत्सर्जन सूची बनाई गई है।
  • अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और पश्चिमी यूरोप के देशों को शुद्ध कार्बन ऋण (net carbon debt) के रूप में दिखाया गया है, भारत और चीन जैसे विकासशील देशों के पास शुद्ध क्रेडिट (net credit) है।

भारत की स्थिति

भारत वार्षिक आधार पर कार्बन उत्सर्जन का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है। हालांकि, यह अपने ऐतिहासिक उत्सर्जन के मामले में छठा सबसे बड़ा है। जब इसकी जनसंख्या के आकार पर विचार किया जाता है, तो यह सबसे कम प्रति व्यक्ति उत्सर्जक में से एक है।

वेबसाइट का उद्देश्य

यह वेबसाइट कई विकसित देशों और वैश्विक गैर-सरकारी संगठनों द्वारा पेश की गयी विचारधारा को खारिज करने का प्रयास करती है।

Climate Equity Monitor

इस वेबसाइट को “Climate Equity Monitor” कहा जाता है। यह वैज्ञानिक पहल डेटा और साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण से इक्विटी और जलवायु कार्रवाई पर केंद्रित है, जो बदले में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा को प्रोत्साहित करेगी।

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