केरल के बजट में ग्रीन हाइड्रोजन हब की घोषणा की गई

राज्य के बजट प्रस्तुति के दौरान, केरल के वित्त मंत्री ने घोषणा की कि उनकी सरकार “ग्रीन हाइड्रोजन हब” स्थापित करेगी। राज्य सरकार इसके लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित कर रही है। यह हब कोच्चि और तिरुवनंतपुरम में स्थापित किये जायेंगे। इस परियोजना को निजी भागीदार इंडिया हाइड्रोजन एलायंस (India Hydrogen Alliance) के साथ लागू किया जाएगा।

ग्रीन हाइड्रोजन हब (Green Hydrogen Hubs)

  • यह योजना हरित हाइड्रोजन संयंत्रों (green hydrogen plants) का निर्माण करेगी जो प्रति दिन 60 टन हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकते हैं।
  • यह संयंत्र 150 मेगावाट के इलेक्ट्रोलाइजर और स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ स्थापित किया जाएगा।
  • केरल हाइड्रोजन हब परियोजना को भारत के लिए एक ब्लूप्रिंट माना जाता है। यह पहली बार है जब भारत में इस तरह की परियोजना शुरू की गई है। दूसरे देशों में इसकी शुरुआत हो चुकी है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोजन हब को “हाइड्रोजन वैली प्रोजेक्ट” कहा जाता है।

हाइड्रोजन वैली प्रोजेक्ट (Hydrogen Valley Projects)

हाइड्रोजन हब योजना देश के विभिन्न हिस्सों में आने वाली हाइड्रोजन वैली परियोजनाओं पर आधारित है। हाइड्रोजन घाटी मूल रूप से एक भौगोलिक क्षेत्र है जहां हाइड्रोजन उत्पादन पर काम करने वाली कंपनियां एक साथ मिलकर हाइड्रोजन संयंत्रों का निर्माण करती हैं। इसमें हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण, वितरण आदि की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया में हाइड्रोजन वैली परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं।

पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन कहा जाता है।

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