मुद्रा और वित्त पर RBI ने रिपोर्ट जारी (RBI Report on Currency and Finance) की

हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त (Report on Currency and Finance – RCF) पर रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट की थीम क्या है?

इस रिपोर्ट का विषय “Revive and Reconstruct” है, जो एक टिकाऊ रिकवरी पोस्ट-कोविड ​​​​को पोषित करने और मध्यम अवधि में प्रवृत्ति वृद्धि को बढ़ाने के संदर्भ में है।

कोविड महामारी का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

  • इस रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था को COVID-19 के नुकसान से उबरने में 12 साल से अधिक समय लगने की संभावना है।
  • 2020-21 के लिए (-) 6.6% की वास्तविक विकास दर, 2021-22 के लिए 8.9%, और 2022-23 के लिए 7.2% की वृद्धि दर अनुमानित है।
  • आपूर्ति की कमी और लंबे समय तक डिलीवरी के समय ने शिपिंग लागत और कमोडिटी की कीमतों को बढ़ा दिया, जिससे मुद्रास्फीति के दबाव तेज हो गए और दुनिया भर में  आर्थिक सुधार को खतरा पैदा हो गया।

भारत के आर्थिक विकास में योगदान करने वाले कारक कौन से हैं?

  1. सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर निरंतर जोर।
  2. डिजिटलाइजेशन के लिए धक्का।
  3. ई-कॉमर्स, स्टार्ट-अप, नवीकरणीय और आपूर्ति श्रृंखला रसद जैसे क्षेत्रों में नए निवेश के बढ़ते अवसर।

रिपोर्ट ने किन विषयों पर सुधारों का सुझाव दिया?

इस रिपोर्ट में प्रस्तावित सुधार आर्थिक प्रगति के सात पहियों के इर्द-गिर्द घूमते हैं:

  1. कुल मांग।
  2. सकल आपूर्ति।
  3. संस्थान, बिचौलिये और बाजार।
  4. व्यापक आर्थिक स्थिरता और नीति समन्वय।
  5. उत्पादकता और तकनीकी प्रगति।
  6. संरचनात्मक परिवर्तन।
  7. वहनीयता।

संरचनात्मक सुधारों का क्या सुझाव दिया गया है?

सुझाए गए संरचनात्मक सुधारों में शामिल हैं:

  • मुकदमेबाजी मुक्त कम लागत वाली भूमि तक पहुंच बढ़ाना।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य और स्किल इंडिया मिशन पर सार्वजनिक व्यय के माध्यम से श्रम की गुणवत्ता बढ़ाना।
  • नवाचार और प्रौद्योगिकी पर जोर देते हुए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ाना।
  • स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना।
  • अक्षमताओं को बढ़ावा देने वाली सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाना।
  • आवास और भौतिक बुनियादी ढांचे में सुधार करके शहरी समूहों को प्रोत्साहित करना।

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