सिविल सोसाइटी समूहों की निगरानी के लिए तुर्की ने नया बिल पेश किया

तुर्की की संसद ने हाल ही में “Preventing Financing of Proliferation of Weapons of Mass Destruction” नामक अधिनियम पारित किया है। इस बिल के द्वारा नागरिक समाज समूहों की निगरानी की जाएगी।

मुख्य बिंदु

2019 में तुर्की पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के रिपोर्ट के बाद यह बिल पेश किया गया है। FATF मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ लड़ता है।

यह बिल तुर्की की सरकार को गैर-सरकारी संगठनों के ट्रस्टी को नियुक्त करने, उनकी संपत्ति को जब्त करने, उनकी गतिविधियों को निलंबित करने और उनके वित्तपोषण के स्रोतों की निगरानी करने की शक्तियाँ प्रदान करता है।

यह बिल आंतरिक मंत्रालय को संघों के सदस्यों को रीप्लेस करने की अनुमति देता है, यदि आतंकवाद के आरोपों के लिए उन पर जांच चल रही हो। यह अब देश के किसी भी संगठन और व्यक्तियों की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए आंतरिक मंत्रालय को शक्तियां प्रदान करेगा। यह कानून तुर्की में काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय सिविल सोसाइटी समूहों पर भी लागू होगा।

पृष्ठभूमि

2016 में एक असफल तख्तापलट की कोशिश के बाद तुर्की की सरकार कई पत्रकारों, शिक्षाविदों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों को निशाना बना रही है। 2020 में, तुर्की के अभियोजकों ने 700 से अधिक सैन्य और न्याय मंत्रालय के कर्मियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि वे राष्ट्रपति एर्दोगान की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए 2016 के तख्तापलट के प्रयास में शामिल थे। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान अब एक दशक से अधिक समय से सत्ता में हैं।

तुर्की में आतंकवाद

कुर्द-तुर्की संघर्ष, सीरियाई गृहयुद्ध में भागीदारी तुर्की में आतंकवादी घटनाओं के मुख्य स्रोत हैं। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में तुर्की 18वां स्थान है। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा तैयार किया गया है। इस सूचकांक में भारत 8वें स्थान पर है।

Categories:

Tags: , , , , ,

Advertisement

Comments