आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना के कार्य क्षेत्र में वृद्धि को मंज़ूरी दी
प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के कार्य क्षेत्र में वृद्धि को आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने अपनी मंज़ूरी दी है। सरकार अब सभी क्षेत्रों के लिये नए कर्मचारी के पंजीकरण की तिथि से पहले तीन वर्षों के लिये नियोक्ता के पूर्ण ग्राह्य योगदान में योगदान देगी, जिसमें वर्तमान लाभार्थियों के तीन वर्षों की उनकी शेष अवधि का योगदान भी शामिल है।
लाभ
-अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार एक अनुमान के अनुसार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे तथा और अधिक रोज़गार का सृजन होगा।
-इस योजना के अभी तक काफी प्रेरणादायी परिणाम प्राप्त हुए हैं। औपचारिक रोज़गार में लगभग 31 लाख लाभार्थी सम्मिलित हुए हैं, जिसमें 500 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय शामिल है।
पृष्ठभूमि
-प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना अगस्त 2016 से ही परिचालन में है। सरकार इस योजना में 15 हज़ार रुपए प्रति महीने तक के वेतन के साथ, एक नए सार्वभौमिक खाता नंबर रखने वाले नए कर्मचारियों (जो 01 अप्रैल, 2016 या उसके बाद नियुक्त हुए हैं) के संदर्भ में कर्मचारी पेंशन योजना में नियोक्ताओं के 8.33 प्रतिशत योगदान का भुगतान कर रही है।
-इस योजना के दो लाभ हैं। एक तरफ नियोक्ताओं को प्रतिष्ठानों में कामगारों के रोज़गार आधार में वृद्धि करने के लिये प्रोत्साहन दिया जाता है, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में कामगार ऐसे प्रतिष्ठानों में रोज़गार पा सकेंगे। एक प्रत्यक्ष लाभ इसका यह है कि इन कामगारों को संगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा लाभों की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
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