मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के कड़कनाथ चिकन मीट को मिला विशिष्ट भौगोलिक पहचान टैग
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के कड़कनाथ चिकन मीट को विशिष्ट भौगोलिक पहचान टैग (GI tag) मिला। यह टैग इसे चेन्नई में स्थित विशिष्ट भौगोलिक पहचान रजिस्ट्री व बौद्धिक सम्पदा द्वारा प्रदान किया गया। कड़कनाथ चिकन मीट को यह टैग “मांस उत्पाद, कुक्कुट व कुक्कुट मांस’ श्रेणी में दिया गया है। इस GI टैग के लिए कृषक भारती कोआपरेटिव की ग्रामीण विकास ट्रस्ट ने आवेदन किया था।
महत्त्व
GI टैग मिल जाने के बाद कड़कनाथ चिकन मीट के व्यापारिक मूल्य में वृद्धि होगी। इससे झाबुआ जिले के उत्पादकों को कड़कनाथ चिकन के लिए अच्छे दाम मिलेंगे।
कड़कनाथ चिकन, चिकन की विशिष्ट प्रजाति है, यह पूरी तरह काला होता है। इस प्रजाति को रोग रोधक क्षमता अधिक होती है और यह विभिन्न प्रकार के वातावरण में स्वयं को अच्छे से ढाल लेती है। कड़कनाथ चिकन में आम चिकन की अपेक्षा 7-9% अधिक प्रोटीन होता है।
विशिष्ट भौगोलिक पहचान (Geographical Indication)
GI टैग अथवा पहचान उस वस्तु अथवा उत्पाद को दिया जाता है जो कि विशिष्ट क्षेत्र का प्रतिनिधत्व करती है, अथवा किसी विशिष्ट स्थान पर ही पायी जाती है अथवा वह उसका मूल स्थान हो। GI टैग कृषि उत्पादों, प्राकृतिक वस्तुओं तथा निर्मित वस्तुओं उनकी विशिष्ट गुणवत्ता के लिए दिया जाता है। यह GI पंजीकरण 10 वर्ष के लिए वैध होता है, बाद में इसे रीन्यू करवाना पड़ता है।
भारत में अब तक कुल 320 उत्पादों को GI टैग दिया जा चुका है। कुछ महत्वपूण GI टैग प्राप्त उत्पाद दार्जीलिंग चाय, तिरुपति लड्डू, कांगड़ा पेंटिंग, नागपुर संतरा तथा कश्मीर पश्मीना इत्यादि हैं। कर्नाटक से सबसे अधिक 38 GI टैग उत्पाद हैं, उसके बाद महाराष्ट्र से 32, तमिलनाडु से 25 GI टैग उत्पाद हैं।