गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for the Eradication of Poverty) हर साल 17 अक्टूबर को मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु
- यह दिन उन लोगों के प्रयासों और संघर्षों को पहचानने और स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है, जो निर्धनता में गुजर-बसर कर रहे हैं।
विश्व बैंक की रिपोर्ट
- विश्व बैंक ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट जारी की, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 की तुलना में 2019 में भारत में गरीबी 12.3% कम है।
- गरीबी की संख्या 2011 में 22.5% से घटकर 2019 में 10.2% हो गई है। विश्व बैंक के नीति शोध कार्य पत्र के अनुसार, शहरी भारत की तुलना ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी अधिक थी। 2011 से 2019 के दौरान ग्रामीण गरीबी में 14.7% जबकि शहरी गरीबी में 7.9% की गिरावट आई है।
- इस अध्ययन के अनुसार, छोटे आकार के जोत वाले किसानों ने उच्च आय वृद्धि का अनुभव किया है। 2013 और 2019 में दो सर्वेक्षण दौरों के बीच सबसे छोटी जोत वाले किसानों की वास्तविक आय में वार्षिक रूप से 10% की वृद्धि हुई है, जबकि सबसे बड़ी जोत वाले किसानों के लिए 2% की वृद्धि हुई है।
दिन का इतिहास
17 अक्टूबर, 1987 को गरीबी को मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में घोषित किया गया था। इस दिन, मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा पर भी वर्ष 1948 में हस्ताक्षर किए गए थे। 22 दिसंबर, 1992 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपना संकल्प 47/196 अपनाया और 17 अक्टूबर को “गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के रूप में घोषित किया।