गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी

उत्तर प्रदेश में राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) परियोजना के निर्माण के लिए पर्यावरण मंजूरी दी है।
मुख्य बिंदु
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की 2006 की अधिसूचना के अनुसार, अनुसूची के तहत आने वाली इन परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी अनिवार्य थी।
- UPEIDA ने 2006 की अधिसूचना के आधार पर गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी प्राप्त की।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना (Ganga Expressway Project)
- गंगा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट एक ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट है।
- इसे 36,230 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जा रहा है।
- यह एक्सप्रेसवे पश्चिम उत्तर प्रदेश में मेरठ को पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से जोड़ता है।
- यह लगभग 594 किमी लंबा और 6 लेन चौड़ा होगा, जिसे आगे बढ़ाकर 8 लेन किया जा सकता है।
जिन जिलों से होकर एक्सप्रेस-वे गुजरेगा
गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। ये जिले हैं: मेरठ-हापुड़-बुलंदशहर-अमरोहा-सम्भल-बदायूं-शाहजहांपुर-हरदोई-उन्नाव-रायबरेली-प्रतापगढ़-प्रयागराज।
कौन सा बैंक परियोजना का समर्थन कर रहा है?
उत्तर प्रदेश सरकार को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से इस परियोजना के लिए 5100 करोड़ रुपये के ऋण के लिए स्वीकृति पत्र मिला है।
पृष्ठभूमि
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की शुरुआत वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने की थी। हालांकि इसका काम सीएम योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद ही शुरू हुआ। गंगा नदी के किनारे 1,047 किलोमीटर एक्सेस-नियंत्रित 8-लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाने के उद्देश्य से यह परियोजना शुरू की गई थी। यह ग्रेटर नोएडा को बलिया से जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे इस क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण तटबंध के रूप में भी काम करेगा।