जलवायु परिवर्तन के लिए फ़्रांस के संविधान में किया जायेगा बदलाव

हाल ही में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने फ्रांसीसी संविधान में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को जोड़ने के लिए एक जनमत संग्रह की घोषणा की।

जनमत संग्रह क्या है?

इस प्रणाली में किसी मुद्दें पर लोग वोट के द्वारा अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं। जनमत संग्रह केवल तभी पारित किया जाता है जब इसे देश भर के ज़्यादातर मतदाताओं द्वारा मंज़ूर किया जाता है।

फ्रांस में जनमत संग्रह

फ्रांसीसी क्रांति के बाद से फ्रांस में रेफरेंडम (जनमत संग्रह) की अवधारणा मौजूद है। 1958 के फ्रांसीसी संविधान के अनुसार, जनमत संग्रह को संवैधानिक संशोधन, कानून के पारित करने के लिए और यूरोपीय संघ में एक देश के प्रवेश जैसी कई स्थितियों में आयोजित किया जा सकता है।

फ्रांस में दो तरह के जनमत संग्रह होते हैं : विधायी जनमत संग्रह और राष्ट्रीय स्तर के जनमत संग्रह। जनमत संग्रह केवल दो प्रकार की प्रतिक्रियाओं को अनुमति देता है जैसे कि ‘हां’ या ‘नहीं’।

फ्रांस का राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC)

फ्रांसीसी सरकार ने यूरोपीय संघ के साथ मिलकर अपने राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान प्रस्तुत किए हैं। यूरोपीय संघ के NDC इस प्रकार हैं :

  • 2030 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 40% की कटौती करना
  • 2050 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 75% की कटौती करना

पृष्ठभूमि

  • फ्रांसीसी सरकार ने हाल ही में स्वीकार किया कि ग्लोबल वार्मिंग पर अंकुश लगाने के लिए जलवायु संबंधी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप होने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये गये है।
  • यूरोपीय संघ ने 1990 के स्तरों की तुलना में ग्रीनहाउस गैसों को कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जो बाईडेन ने अपने राष्ट्रपति पद के पहले दिन पेरिस समझौते में फिर से शामिल होने के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है।

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