भारत पर IMF की वार्षिक रिपोर्ट : मुख्य बिंदु
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 15 अक्टूबर, 2021 को अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रिकवर हो रही है,।
मुख्य निष्कर्ष
- IMF ने हालांकि मुद्रास्फीति के दबाव के प्रति आगाह किया है।
- IMF ने मौद्रिक नीति समर्थन में धीमी कमी की भी सिफारिश की है।
- IMF के अनुसार, निवेश और मानव पूंजी पर कोविड-19 का प्रभाव रिकवरी को लम्बा खींच सकता है।
- टीकाकरण की गति और आर्थिक सुधारों को देखते हुए रिकवरी अपेक्षा से अधिक तेज हो सकती है।
अनुमानित वृद्धि
- IMF ने वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.5% रहने का अनुमान लगाया है।
- इसने 5.6% पर हेडलाइन उपभोक्ता मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है।
- महंगाई दर अगस्त में घटकर 5.3% और सितंबर में 4.3% पर आ गई।
राजकोषीय घाटे पर IMF की रिपोर्ट
IMF के अनुसार, आर्थिक गतिविधियों में संकुचन, कम राजस्व और कोविड-19 संबंधित समर्थन उपायों के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र का राजकोषीय घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 8.6% हो गया।
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