महाराष्ट्र का शक्ति बिल क्या है?

हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून, 2020 के कार्यान्वयन के लिए महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) अधिनियम, 2020 और विशेष न्यायालय और मशीनरी को लांच किया।
बिल की मुख्य विशेषताएं
- महाराष्ट्र शक्ति विधेयक को आंध्र प्रदेश दिश अधिनियम के साथ 2019 में पारित किया गया था।
- यह विधेयक में दंड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम में संशोधन करने का प्रयास करता है।
- तेजाब हमले के पीड़ितों को प्लास्टिक सर्जरी और चेहरे के पुनर्निर्माण के लिए दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
- यदि किसी आरोपी पर बच्चों के सामूहिक बलात्कार, बलात्कार का आरोप है तो अदालत उसे मौत की सजा दे सकती है।
- यह विधेयक 30 दिनों के भीतर ट्रायल प्रक्रिया को पूरा करने का प्रयास करता है।वर्तमान में यह समय सीमा 60 दिन है।
- इस बिल में “महिला और बाल अपराधियों की रजिस्ट्री” के निर्माण का सुझाव दिया गया है, जो एक अलग रजिस्ट्री है।यह रजिस्ट्री यौन अपराधियों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री से जुड़ी होगी।
- सोशल मीडिया पर महिलाओं को धमकाने और डराने वाले व्यक्तियों को दो साल के कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया जायेगा।
- इस विधेयक में आरोपियों को धमकाने, निकालने या बदनाम करने के लिए झूठे बलात्कार के मामले दर्ज करने वाले व्यक्तियों को दंडित करने के प्रावधान भी शामिल हैं।
जस्टिस वर्मा समिति
भारतीय दंड संहिता ने जस्टिस वर्मा समिति की सिफारिशों के आधार पर 2013 में निर्भया मामले के बाद कई कड़े प्रावधान किए थे।
भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2018 की तुलना में 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 7.3% की वृद्धि हुई थी।