सेला सुरंग (Sela Tunnel) के बारे में रोचक तथ्य
प्रोजेक्ट वर्तक (Project Vartak) के तहत सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा बालीपारा-चारदुआर-तवांग (Balipara-Charduar-Tawang – BCT) सड़क पर “सेला सुरंग” नामक दुनिया की सबसे लंबी द्वि-लेन सड़क सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
- सेला सुरंग का निर्माण भारत-चीन सीमा के पास 13,800 फीट की ऊंचाई पर किया जा रहा है।
- इसका निर्माण 317 किमी लंबी BCT रोड पर किया जा रहा है। BCT सड़क अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग, पश्चिम कामेंग और तवांग जिलों को शेष भारत से जोड़ती है।
- इसका निर्माण तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।
- सुरंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ विभिन्न स्थानों पर सैनिकों और हथियारों की बेहतर आवाजाही सुनिश्चित करेगी।
सेला सुरंग (Sela Tunnel)
सेला टनल एक निर्माणाधीन सड़क सुरंग है, जिसका निर्माण 3,000 मीटर की ऊंचाई पर किया जा रहा है। इसे असम में गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश के तवांग के बीच हर मौसम में संपर्क प्रदान करने के लिए बनाया जा रहा है। ट्रांस-अरुणाचल हाईवे सिस्टम के NH 13 सेक्शन पर 4,200 मीटर सेला पास के नीचे इसकी खुदाई की जा रही है। इस सुरंग को 12.4 किमी की नई सड़क से NH 13 से जोड़ा जाएगा। इससे दिरांग और तवांग के बीच की दूरी 10 किमी कम हो जाएगी। इसका निर्माण 2019 में शुरू हुआ और फरवरी 2022 में पूरा होने वाला है। यह यात्रा के समय में एक घंटे की कटौती करेगी।
सेला सुरंग, सेला-चारबेला रिज से होकर कटती है, जो तवांग जिले को पश्चिम कामेंग जिले से अलग करती है।
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