हाल ही में मोहम्मद ज़हूर खय्याम हाश्मी का निधन हुआ, वे किस क्षेत्र से जुड़े हुए थे?

उत्तर – संगीत

19 अगस्त, 2019 को जाने माने संगीतकार मोहम्मद ज़हूर खय्याम हाश्मी का निधन हुआ। वे 92 वर्ष के थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अन्य गणमान्य लोगों ने शोक प्रकट किया है। उन्होंने तीन फिल्मफेयर अवार्ड, 2007 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड तथा 2011 में पद्म भूषण पुरस्कार जीता।

मोहम्मद ज़हूर खय्याम हाश्मी

खय्याम ने अपना करियर 1943 में 17 वर्ष की आयु में लुधियाना से शुरू किया था। बाद में उन्होंने संगीत निर्देशकों “शर्माजी-वर्माजी” के मिलकर “हीर रांझा” (1948) फिल्म के लिए काम किया। उन्होंने “फुटपाथ” (1953), “बीवी” तथा “फिर सुबह होगी” (1958) जैसी फिल्मों में भी कार्य किया। 1961 में आई “शोला और शबनम” फिल्म से संगीत निर्देशक के रूप में उनको काफी दृढ़ता मिली। इसके बाद उन्होंने “मोहब्बत इसको कहते हैं” (1965), “आखरी ख़त” (1966), “कभी कभी” (1976), “त्रिशूल” (1978), “नूरी” (1979), “थोड़ी सी बेवफाई” (1980), “दर्द” तथा “अहिस्ता” (1981), “दिल आखिर दिल है” तथा “बाज़ार” (1982) तथा “रज़िया सुल्तान” (1983) जैसी फिल्मों के लिए संगीत दिया। 1981 में उन्होंने उमराव जान फिल्म के लिए संगीत दिया, यह फिल्म उनकी सबसे सफल फिल्मों में से रही, इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार तथा फिल्मफेयर अवार्ड भी प्रदान किया गया।

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