किस अन्तरिक्ष एजेंसी ने हाल ही में GJ 357 d नामक ग्रह की खोज की है?
उत्तर – नासा
नासा के TESS मिशन ने GJ 357 d नामक ग्रह की खोज की है। यह ग्रह हमारे सौर मंडल से 31 प्रकाश वर्ष दूर है। इस ग्रह को “सुपर अर्थ” कहा जा रहा है, क्योंकि इस ग्रह पर जीवन की सम्भावना जताई जा रही है। यह ग्रह GJ 357 नामक तारे की परिक्रमा करता है। इसका वायुमंडल घना है, इसकी सतह का तापमान संभवतः 254 डिग्री सेल्सियस है। यह ग्रह अपने तारे से उतनी ही उर्जा प्राप्त कर रहा है जितनी उर्जा मंगल ग्रह सूर्य से प्राप्त करता है। इस ग्रह पर पृथ्वी की भाँती तरल जल होने की सम्भावना जताई जा रही है।
टेस (Transiting Exoplanet Survey Satellite)
TESS मिशन का नेतृत्व मेसाचुसेट्स टेक्नोलॉजी संस्थान की कावली इंस्टिट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स एंड स्पेस रिसर्च द्वारा किया जा रहा है। TESS को पृथ्वी के निकट तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रहों की खोज के लिए डिजाईन किया गया है। इस प्रकार के ग्रहों की उपस्थिति की जानकारी तब मिल सकेगी जब किसी तारे के सामने ग्रह के गुजरने के कारण तारे की रौशनी कम हो। TESS, अन्तरिक्ष वेधशाला केप्लर का उत्तराधिकारी है। वर्तमान में ज्ञात अधिकतर बाह्य ग्रहों की खोज केप्लर द्वारा की गयी है।
TESS के प्रमुख उद्देश्य
TESS 2 वर्ष तक पृथ्वी के निकट सबसे चमकीले तारों का सर्वेक्षण करेगा, यह कई कैमरों की सहायता से पूरे आसमान के चित्र लेगा। बाद में यह ट्रांजिट फोटोमेट्री विधि का उपयोग करके संभावित बाह्य ग्रहों की सूची तैयार करेगा।
विशेषताएं
TESS वेधशाला का भार महज़ 362 किलोग्राम है। इसमें चार वृहत दृष्टिकोण युक्त कैमरा लगाये गए हैं। हालांकि TESS में जीवन का पता लगाने के कोई कोई भी उपकरण नहीं लगाया गया है। इसका उद्देश्य केवल संभावित बाह्य ग्रहों की खोज करना है, जिन पर बाद में अन्य टेलिस्कोप कार्य करेंगे।
TESS बाह्य ग्रहों का पता लगाने के लिए पारगमन विधि (transit method) का उपयोग करेगा। जब किसी चमकीले तारे के सामने से होकर कोई ग्रह गुज़रेगा, तो उस दौरान तारे की रौशनी कुछ कम हो जाएगी। बार-बार इस घटना की पुनरावृत्ति होने पर यह अनुमान लगाया जाता है कि किसी गृह द्वारा उक्त तारे की परिक्रमा की जा रही है। TESS अपने दो वर्ष के मिशन के दौरान लगभग 85% आकाश को स्कैन स्कैन करेगा। प्रथम वर्ष में यह दक्षिणी गोलार्ध को स्कैन करेगा। बाद में यह उत्तरी गोलार्ध में कार्य करेगा।
TESS का महत्त्व
TESS के द्वारा एकत्रित किये गए डाटा से छोटे ग्रहों के द्रव्यमान, आकार, घनत्व तथा कक्षा के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे यह भी ज्ञात होगा कि गृह पथरीले हैं अथवा गैसीय। केप्लर की अपेक्षा TESS आकाश के बड़े हिस्से को स्कैन करेगा, परन्तु यह ज्यादा दूर तक स्कैन नहीं कर सकता। केप्लर की रेंज 3,000 प्रकाश वर्ष तक थी। जबकि TESS की रेंज मात्र 300 प्रकाश वर्ष ही है।