IIT रुड़की
IIT रुड़की का नाम पहले 1854 में थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग कर दिया गया। इसकी क्षमता और स्वतंत्र भारत में इसकी आवश्यकता के कारण 1948 में राज्य के एक अधिनियम द्वारा इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने मानकों को बढ़ाते हुए इसे स्वतंत्र भारत का पहला इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय