झांसी जिला, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में से एक झांसी जिला है, जिसका मुख्यालय झाँसी शहर में है। यह 5024 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार झांसी की आबादी 1,998,603 थी। जिले में पाँच तहसील हैं, जो झाँसी, मौरानीपुर, गरौठा, तेहरौली और मोठ हैं।
झांसी का इतिहास
ऐतिहासिक अभिलेख कहते हैं कि चंदेला राजाओं ने झांसी पर शासन किया था और उस समय इसे बलवंत नगर कहा जाता था। उस समय झाँसी अर्थात् चेदि राष्ट्र, जेजाक भुक्ति, जझोटी और बुंदेलखंड आदि क्षेत्र थे। 11 वीं शताब्दी में इस स्थान ने अपना महत्व खो दिया। हालाँकि 17 वीं शताब्दी में ओरछा के राजा बीर सिंह देव के शासन के दौरान झाँसी फिर प्रमुखता से उभरा। झांसी भारत की सबसे शुरुआती स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लक्ष्मी बाई के लिए भी प्रसिद्ध है। उन्हें झांसी की रानी के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन का विरोध किया था।
झांसी का भूगोल
उत्तर में जालौन जिला, दक्षिण में हमीरपुर और महोबा जिले, दक्षिण में मध्य प्रदेश का टीकमगढ़ जिला और दक्षिण-पश्चिम में ललितपुर जिला और पूर्व में मध्य प्रदेश के दतिया और भिंड जिले पूरे झाँसी जिले के चारों ओर हैं। जिले के कुछ महत्वपूर्ण शहर हैं मौरानीपुर, गरौठा, मोठ, बबीना, चिरगाँव, समथर गुरसराय और कई अन्य। जिले से होकर बहने वाली महत्वपूर्ण नदियाँ पाहुंज, धसान और बेतवा हैं। बुंदेलखंड, झाँसी जिले के दक्षिणी भाग में स्थित है, जो एक स्तर का मैदान है, जिसमें गहरी काली मिट्टी शामिल है, जो कपास की खेती के लिए अनुकूल है।
झांसी में पर्यटन
झाँसी का जिला कई ऐतिहासिक स्मारकों से युक्त है। जिले में प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं झाँसी किला, रानी महल, उत्तर प्रदेश सरकार संग्रहालय, महाराजा गंगाधर राव की छत्री और बरुआ सागर। जिले के कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं गणेश मंदिर, महा लक्ष्मी मंदिर, कालिजी मंदिर, मुरली मनोहर मंदिर और पंचकुणिया मंदिर। पर्यटन स्थलों में से कुछ नीचे विस्तृत हैं:
झाँसी का किला: झाँसी का किला या रानी झाँसी का किला ’बंगारा नामक एक चट्टानी पहाड़ी पर खड़ा एक किला है। इसका निर्माण ओरछा के राजा बीर सिंह जू देव ने 1613 में किया था, जो वर्तमान में झांसी के रूप में जाना जाता है।
रानी महल: रानी महल या ‘रानी का महल’ झांसी शहर का एक शाही महल है। महल का निर्माण नेवलकर परिवार के रघु नाथ- II द्वारा किया गया था, जो झांसी का सूबेदार था। इस महल ने बाद में रानी लक्ष्मीबाई के लिए एक निवास स्थान बनाया।
महाराजा गंगाधर राव की छत्री: महाराजा गंगाधर राव की छत्री का निर्माण उनकी पत्नी लक्ष्मी बाई ने किया था और महाराजा को समर्पित था। यह झांसी के प्राचीन स्मारकों में से एक है।

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