अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों के लिए 1,614 करोड़ रुपये का अनुबंध दिया गया
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तट रक्षक (ICG) के लिए छह अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (NGOPVs) की खरीद के लिए मझगांव डॉकयार्ड शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ 1,614 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अधिग्रहण का उद्देश्य तटरक्षक बल की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है।
मुख्य बिंदु
- अनुबंध विवरण: यह खरीद (भारतीय-IDDM) श्रेणी के तहत हस्ताक्षरित अनुबंध की कुल लागत 1,614.89 करोड़ रुपये है। NGOPVs का निर्माण मझगांव डॉकयार्ड शिपबिल्डर्स लिमिटेडद्वारा किया जाएगा
- अधिग्रहण का उद्देश्य: छह NGOPVs का उद्देश्य मौजूदा पुराने अपतटीय गश्ती जहाजों (चार जहाजों) को बदलना और तटरक्षक बल के बेड़े (दो जहाजों) को बढ़ाना है। यह अधिग्रहण समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने पर सरकार के फोकस के अनुरूप है।
- बढ़ी हुई क्षमताएं: NGOPVs से निगरानी, कानून प्रवर्तन, खोज और बचाव, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और मानवीय सहायता सहित विभिन्न समुद्री अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है। इन जहाजों में आधुनिक और उच्च तकनीक क्षमताएं होंगी।
- उन्नत विशेषताएं: अपतटीय गश्ती जहाज बहुउद्देशीय ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षमताओं और वायरलेस रूप से नियंत्रित रिमोट जल बचाव शिल्प लाइफबॉय से लैस होंगे। इन उन्नत सुविधाओं का लक्ष्य अधिक लचीलापन और परिचालन लाभ प्रदान करना है।
- ऑपरेशनल एज: एआई क्षमताओं और अन्य उन्नत उपकरणों का समावेश तटरक्षक बल को समुद्री गतिविधियों में ऑपरेशनल बढ़त प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये जहाज भारत की समग्र समुद्री सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने में योगदान देंगे।
- आधुनिकीकरण पर ध्यान : इन NGOPVs की खरीद भारतीय तट रक्षक को आधुनिक बनाने और यह सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि इसमें उभरती समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक क्षमताएं हैं।
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