अमेज़न वर्षावन का 75% हिस्सा विनाश की कगार पर पहुंचा : अध्ययन
हाल ही में नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में अमेज़न वर्षावन पर एक अध्ययन प्रकाशित किया गया।
मुख्य बिंदु
- 30 वर्षों के उपग्रह डेटा और सांख्यिकीय उपकरणों का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने पाया कि अमेज़ॅन वर्षावन का लगभग 75% हिस्सा विनाश की की ओर बढ़ रहा है।
- अमेज़ॅन वर्षावन लंबे समय तक सूखे या जंगल की आग जैसी चरम घटनाओं से रिकवर करने की क्षमता खो रहा है। इस प्रकार, ऐसी सम्भावना भी है कि अमेज़ॅन वर्षावन शुष्क सवाना जैसे पारिस्थितिकी तंत्र में बदल सकता है।
- इस परिवर्तन का अमेज़न वन की अद्वितीय जैव विविधता और कार्बन सिंक के रूप में इसकी क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन में भी योगदान देगा।
अमेज़न वर्षावन (Amazon rainforest)
अमेज़न वर्षावन दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में एक बड़ा उष्णकटिबंधीय वर्षावन है। उन्हें पृथ्वी के फेफड़े भी कहा जाता है। दुनिया की लगभग 30% प्रजातियाँ अमेज़न वर्षावन में पाई जाती हैं, इनमें 40,000 पौधों की प्रजातियाँ, 16,000 पेड़ की प्रजातियाँ, 1,300 पक्षी और स्तनधारियों की 430 से अधिक प्रजातियाँ शामिल हैं।
अमेज़न वर्षावन के लिए खतरा
वनों की कटाई सबसे बड़ा खतरा है। कृषि, सड़क निर्माण, खनन, जल विद्युत परियोजना, लकड़ी निकालने आदि के लिए वर्षावनों को नष्ट किया जा रहा है।
विनाश का प्रभाव
अमेज़न वर्षावन के विनाश का दक्षिण अमेरिका में वर्षा की मात्रा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। यह वर्षावन कार्बन सिंक की बजाय कार्बन स्रोत बन सकता है। इसका मतलब है कि कार्बन का भंडारण करने के बजाय, वन जितना कार्बन अवशोषित करते हैं, उससे अधिक कार्बन छोड़ सकते हैं। इसी तरह के अवलोकन IPCC (Intergovernmental Panel on Climate Change) द्वारा अपनी मूल्यांकन रिपोर्ट में किए गए हैं। अमेज़न वर्षावन की रक्षा के लिए वनों की कटाई को कम करना और कार्बन उत्सर्जन को सीमित करना आवश्यक है।
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