अमेरिका ने आधिकारिक रूप से INF संधि छोड़ी

अमेरिका ने अपने आप को आधिकारिक रूप से INF संधि से अलग कर लिया। गौरतलब है कि रूस ने भी इस संधि से अलग होने की घोषणा कर दी है।
INF संधि 

INF संधि का पूरा नाम Intermediate-Range Nuclear Forces (मध्यवर्ती श्रेणी के परमाणु बल) संधि है। इस संधि पर अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रेगन और सोवियत संघ के तत्कालीन जनरल सेक्रेटरी मिखाइल गोर्बाचोव ने दिसंबर 1987 में हस्ताक्षर किए थे।

  • इस संधि के अनुसार सोवियत संघ और अमेरिका 500 से 5500 किमी के रेंज वाली जमीन से प्रक्षेपित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण, परीक्षण और तैनाती नहीं कर सकते।
  • इस संधि में सभी प्रकार की ज़मीनी चालित क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हैं, फिर चाहे वो परमाणु मिसाइल हों या नहीं।
  • इस संधि में इसी रेंज की वायु और समुद्र में लांच कि जाने वाली मिसाइल शामिल नहीं थीं।

संधि के तहत रूस ने अब तक 1846 और अमेरिका ने 846 मिसाइलों को नष्ट किया है।
INF संधि ने तनाव घटाने में योगदान कैसे दिया।
सीमित रेंज, लघु उड़ान समय और अप्रत्याशित उड़ान पैटर्न के कारण, लघु और मध्यम श्रेणी की मिसाइलों का पता लगाना मुश्किल था। नतीजतन, यूरोप में परमाणु युद्ध का खतरा था जो रूस और अमेरिका के बीच स्थित है।
मिसाइलों को मुख्य रूप से यूरोप में एक परमाणु युद्ध लड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसने संकट की अस्थिरता को बढ़ा दिया और एक आकस्मिक परमाणु युद्ध की संभावना को बढ़ा दिया।
इसलिए इन संधि के प्रावधानों के तहत इन मिसाइलों को नष्ट करना क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा दोनों को बढ़ाने के लिए बेहद फायदेमंद था।
हथियारों की दौड़
रूस और अमेरिका दोनों ही इन छोटी और मध्यम रेंज की मिसाइलों के विकास में शामिल होंगे।EU के साथ एक तीसरी इकाई के रूप में दौड़ में शामिल होने के लिए हथियारों की दौड़ हो सकती है।
चूँकि ये मिसाइलें हल्की हैं, इसका पता लगाना मुश्किल है। इससे हथियारों की दौड़ में अस्थिरता और विश्वास की कमी पैदा होगी।

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