अमेरिका ने चीन के जासूसी गुब्बारे (China Spy Balloon) को मार गिराया

अमेरिकी सेना ने जनवरी 2023 के अंत तक अलास्का के पास एक चीनी जासूसी गुब्बारा देखा। यह गुब्बारा 60,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था और इससे अमेरिकी जनता को कोई खतरा नहीं था। बाद में यह गुब्बारा मोंटाना में रुक गया। अंतर्राष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ की राय में यह पड़ाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां अमेरिकी सेना का मालमस्ट्रॉम वायु सेना है।इसमें तीन परमाणु साइलो में से एक है। गुब्बारे को देखते ही अमेरिका ने चीनी अधिकारियों के साथ कूटनीतिक बातचीत शुरू कर दी। हालांकि, वार्ता किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रही। इसके बाद अमेरिकी सेना ने अपने F-22 लड़ाकू विमानों से इस गुब्बारे को मार गिराया, इस दौरान 1000 से अधिक गोलियां चलाई गईं।

 जासूसी गुब्बारे (Spy Balloon)

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जासूसी गुब्बारों का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने युद्ध के मैदान का विहंगम दृश्य प्रस्तुत किया। यह पहली बार 18वीं शताब्दी में फ्रांसीसी युद्धों के दौरान इनका इस्तेमाल किया गया था। अधिक ऊंचाई से देखने वाले उपग्रहों के विपरीत, जासूसी गुब्बारे कम ऊंचाई से देख सकते हैं। साथ ही जासूसी गुब्बारों के दृश्य अधिक स्पष्ट और लंबे होते हैं। 

चीनी जासूस गुब्बारे का वर्तमान परिदृश्य

अमेरिकी सेना गुब्बारे को मार गिराने के बाद अब अटलांटिक महासागर में उसकी तलाश कर रही है। हांगकांग और ताइवान में लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों, दक्षिण चीन सागर के मुद्दों और झिंजियांग क्षेत्र में मानवाधिकारों के मुद्दों के कारण हाल के दिनों में अमेरिका-चीन तनाव बढ़ रहा है।

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