अल-मोहद-अल हिन्दी-23 अभ्यास (Exercise Al-Mohed-Al Hindi-23) : मुख्य बिंदु
भारतीय नौसेना और रॉयल सऊदी नौसेना ने हाल ही में मुंबई में मुलाकात की, और आगामी संयुक्त नौसैनिक अभ्यास ‘अल-मोहद-अल हिंदी -23’ की तैयारियों को अंतिम रूप दिया, जो मई 2023 में जुबैल, सऊदी अरब में आयोजित किया जायेगा। अगस्त 2021 में पहले अभ्यास के बाद दोनों देशों के बीच यह इस तरह का दूसरा अभ्यास है।
इस अभ्यास का उद्देश्य सामरिक युद्धाभ्यास, खोज और बचाव अभियान और एक इलेक्ट्रॉनिक युद्धक ड्रिल का संचालन करके दो नौसेना बलों के बीच अंतःक्रियाशीलता को बढ़ाना है। यह दोनों देशों को अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करने और उनकी नौसेनाओं के बीच सहयोग को गहरा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
भारत और सऊदी अरब के मजबूत संबंध
संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित करने का निर्णय 2019 में आयोजित रियाद शिखर सम्मेलन के दौरान लिया गया था, जो भारत-सऊदी अरब संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भाग लिया, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने की आवश्यकता पर बल दिया। पिछले पांच सालों में दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं।
भारत-सऊदी अरब आर्थिक और व्यापार संबंध
भारत और सऊदी अरब हाल के वर्षों में अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। दोनों देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए महत्वपूर्ण क्षमता रखते हैं।
सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और तेल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। दूसरी ओर, भारत सऊदी अरब के निर्यात के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। 2021 में, भारत और सऊदी अरब ने भारत के महाराष्ट्र राज्य में 15 बिलियन डॉलर की तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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