अहमदनगर जिले का नाम अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखा जाएगा
महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले (Ahmednagar district) में हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है क्योंकि इसे अब एक नए नाम पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर (Punyashlok Ahilya Devi Holkar) के नाम से जाना जाएगा।
अहिल्याबाई होल्कर: शक्ति और नेतृत्व की प्रतीक
मनकोजी शिंदे की पुत्री अहिल्याबाई होल्कर एक महान हस्ती हैं जो अपने अदम्य साहस और असाधारण नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं। उनका जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा है और उनके योगदान ने इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
अहिल्याबाई होल्कर की यात्रा
मल्हार राव होल्कर के बेटे खांडे राव से शादी करने के बाद अहिल्याबाई के जीवन में एक नया मोड़ आया। अपने पति की मृत्यु के बाद, उन्होंने मालवा राज्य की कमान संभाली। अहिल्याबाई का शासन 1765 से 1795 तक उल्लेखनीय तीस वर्षों तक चला। अपने शासनकाल के दौरान, उन्होंने महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सामाजिक सुधार किए, जिससे समृद्धि और व्यवस्था की अवधि बढ़ी।
अहिल्याबाई होल्कर और मंदिर जीर्णोद्धार
अहिल्याबाई होल्कर के उल्लेखनीय योगदानों में से एक हिंदू मंदिरों के जीर्णोद्धार में उनकी सक्रिय भागीदारी थी। प्राचीन धार्मिक स्थलों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने की उनकी प्रतिबद्धता को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। 1783 में, उन्होंने सोमनाथ मंदिर का निर्माण शुरू किया, जो उनकी भक्ति और संरक्षण के लिए एक प्रमाण के रूप में खड़ा है।
अहमदनगर जिले का नामकरण
अहमदनगर जिले का नाम बदलकर पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर करने का निर्णय अहिल्याबाई की विरासत को सम्मान देने की सरकार की इच्छा को दर्शाता है।
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