आंध्र प्रदेश ने 13 नए जिले बनाये

आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने हाल ही में 13 नए जिले बनाए हैं। संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के आधार पर जिलों का निर्माण किया गया था। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 26 हो गई है।

नए जिले

विशाखापत्तनम में अराकू लोकसभा क्षेत्र को दो जिलों में विभाजित किया गया है।

आंध्र प्रदेश के 26 जिले हैं – श्रीकुलम, विजयनगरम, मान्यम, अल्लूरी सीताराम राजू जिला, विशाखापत्तनम, श्री बालाजी जिला, चित्तौड़, अन्नामय्या, वाईएसआर कडप्पा, श्री सत्यसाई जिला, अनंतपुरम, नंदयाल, कुरनूल, एसपीएस नेल्लोर, प्रकाशम, पलनाडु, बापटला, गुंटूर, एनटीआर जिला, कृष्णा, एलुरु, पश्चिम गोदावरी, पूर्वी गोदावरी, कोना सीमा, काकीनाडा, अनाकापल्ली।

इससे पहले 1979 में अविभाजित आंध्र प्रदेश में एक नया जिला बनाया गया था। यह विजयनगरम जिला था।

भारत में नए जिले कैसे बनते हैं?

नया जिला बनाने की शक्ति राज्य सरकार के हाथ में है। यह या तो राज्य विधानसभा में एक कानून पारित करके या एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से किया जाता है। राज्य सरकारें कार्यालय राजपत्र में अधिसूचना भी पारित कर सकती हैं।

नए जिले क्यों बनाए जाते हैं?

राज्य सरकारों के अनुसार, यदि जिले छोटे हों तो प्रशासन करना आसान होता है। छोटे और ज्यादा जिलों का मतलब है कम आबादी में ज्यादा अफसर। लोगों की शिकायतों का आसानी से समाधान किया जा सकता। योजना का क्रियान्वयन और निधि अंतरण आसान हो जाता है।

जिले बनाने में केंद्र सरकार की क्या भूमिका है?

नए जिले बनाने में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है। गृह मंत्रालय तभी शामिल होता है जब राज्य सरकार रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहती है।

भारतीय जिलों का वर्तमान परिदृश्य क्या है?

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल 593 जिले थे। 2001 से 2011 के बीच 46 जिले बनाए गए। ‘नो इंडिया’ (भारत सरकार की एक वेबसाइट) के अनुसार, देश में 718 जिले हैं। 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के कारण मुख्य रूप से संख्या में वृद्धि हुई। इस संख्या ने नव निर्मित आंध्र प्रदेश के जिलों को नहीं जोड़ा गया है।

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