आचार्य एन. गोपी को प्रोफेसर कोथापल्ली जयशंकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

प्रसिद्ध कवि, साहित्यिक आलोचक और साहित्य अकादमी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता आचार्य एन. गोपी (Acharya N. Gopi) को प्रतिष्ठित प्रो. कोथापल्ली जयशंकर पुरस्कार (Kothapalli Jayashankar Award) के प्राप्तकर्ता के रूप में चुना गया है। भारत जागृति द्वारा स्थापित यह पुरस्कार, भारत राष्ट्र समिति से संबद्ध एक सांस्कृतिक संगठन है, जिसका उद्देश्य साहित्यकारों को सम्मानित करना है। पुरस्कार समारोह 21 जून को तेलंगाना सारस्वत परिषद में होगा।

आचार्य गोपी के साहित्यिक योगदान की मान्यता

एक प्रभावशाली साहित्यिक करियर के साथ, आचार्य गोपी ने कुल 56 पुस्तकें लिखी हैं। उनके विविध कार्यों में 26 कविता संग्रह, निबंधों के 7 संकलन, 5 अनुवाद और 3 शोध पुस्तकें शामिल हैं। उनके साहित्यिक कार्यों ने व्यापक प्रशंसा प्राप्त की है, जिससे कई भारतीय भाषाओं और यहां तक ​​कि जर्मन, फारसी और रूसी जैसी विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है।

उन्होंने तेलुगु विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया है और पूर्व में काकतीय विश्वविद्यालय और द्रविड़ विश्वविद्यालय दोनों के प्रभारी कुलपति के रूप में कार्य किया है। शिक्षा जगत में उनकी उल्लेखनीय भूमिकाओं ने एक बहुमुखी साहित्यकार के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और अधिक मजबूत किया है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

25 जून, 1948 को तत्कालीन नलगोंडा जिले के भोंगिर में जन्मे आचार्य गोपी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय में साहित्य में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनकी अकादमिक यात्रा ने साहित्य की उनकी गहरी समझ और उनकी अनूठी साहित्यिक आवाज के विकास की नींव रखी।

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