आदिवासी युवाओं को कुशल बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट लांच किया गया

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री द्वारा भोपाल, मध्य प्रदेश से आदिवासी युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया।

परियोजना के तहत कितने लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा?

इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत छह राज्यों से चुने गए 17 जिलों के 17 क्लस्टर के करीब 250 लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुने गए छह राज्य कौन से हैं?

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा।

लाभार्थियों को किन विषयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा?

इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच विषयों (मल्टीस्किलिंग) में प्रशिक्षण दिया जाएगा:

  1. विद्युत और सौर ऊर्जा
  2. कृषि यंत्रीकरण
  3. ई-शासन
  4. नलसाजी और चिनाई
  5. दोपहिया वाहनों की मरम्मत और रखरखाव।

प्रशिक्षण से युवाओं को कैसे मदद मिलेगी?

उपरोक्त पांच विषयों के तहत प्रशिक्षण से आदिवासी युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने और अपने इलाके में अन्य युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।

स्किलिंग भारत के लिए क्यों जरूरी है?

अपने युवाओं को कौशल प्रदान करने से भारत वैश्विक कौशल केंद्र बनने और जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त करने में सक्षम होगा। स्किलिंग से आदिवासी क्षेत्रों में युवाओं के लिए आजीविका के अधिक अवसर पैदा होंगे, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी और समावेशी विकास को सक्षम बनाया जा सकेगा। यह भारत में क्षेत्रीय असंतुलन और असमान विकास को भी कम करता है।

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1 Comment on “आदिवासी युवाओं को कुशल बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट लांच किया गया”

  1. Udaram says:

    Good contant

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