इंडिया टीबी रिपोर्ट 2021 (India TB Report) जारी की गयी

इंडिया टीबी रिपोर्ट 2021 हाल ही में प्रकाशित हुई। इसके अनुसार, भारत ने 2020 में क्षय रोग के पंजीकरण में 24% की साल दर साल गिरावट दर्ज की।

मुख्य बिंदु

कोविड-19 महामारी के कारण हुए व्यवधानों और लॉकडाउन के बीच, भारत में अनुमानित 18.05 लाख टीबी मामले दर्ज किए गए। इस रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि जनवरी से फरवरी 2020 के बीच टीबी के पंजीकरण में 6% की वृद्धि हुई है। बाद में, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम ने टीबी के लापता मामलों पर अंतर को बंद कर दिया था। इस प्रकार, अप्रैल की तुलना में दिसंबर तक 11% अधिक मामले सामने आए। 2019 में 24.04 लाख मामले सामने आए, जिनमें उपचार की सफलता दर 82% थी, जबकि मृत्यु दर 4% थी।

भारत में क्षय रोग

क्षय रोग भारत की सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है। इसमें आमतौर पर बड़े पैमाने पर रोगियों के साथ-साथ समुदायों के लिए विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और वित्तीय परिणाम होते हैं। दुनिया भर में भारत में सबसे ज्यादा 2.64 मिलियन क्षय रोग रोगी हैं। यह दुनिया के टीबी के 30% मामलों के लिए जिम्मेदार है। भारत सरकार ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य के साथ, भारत जल्द से जल्द मामलों का पता लगाने और नए मामलों के उद्भव को रोकने के लिए टीबी देखभाल का विस्तार कर रहा है।

सरकारी पहल

भारत सरकार टीबी की चुनौती से निपटने के लिए कई योजनाएं चला रही है:

  1. निक्षय इकोसिस्टम: यह एक राष्ट्रीय टीबी सूचना प्रणाली है जो मरीजों की जानकारी का प्रबंधन करने और देश भर में कार्यक्रम की गतिविधि और प्रदर्शन की निगरानी के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में कार्य करती है।
  2. निक्षय पोषण योजना (NPY): यह योजना टीबी रोगियों को उनके पोषण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
  3. टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान: यह अभियान सितंबर 2019 में टीबी को खत्म करने की प्रतिबद्धता के उच्चतम स्तर के साथ शुरू किया गया था।
  4. सक्षम प्रोजेक्ट: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) द्वारा दवा प्रतिरोधी-टीबी रोगियों को मनोविशेष परामर्श प्रदान करने के लिए यह परियोजना शुरू की गई थी।

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