इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस
UGC ने 20 संस्थानों की सूची जारी कि और उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस सूची में रखा गया। इनमें से 10 सरकारी और 10 निजी हैं।
भारत को शिक्षा में ग्लोबल लीडर बनाना
इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस स्कीम का उद्देश्य भारत में 20 विश्व स्तरीय संस्थानों का विकास करना है जो भारत को विश्व पटल पर ला सके। चयनित संस्थानों को फीस, पाठ्यक्रम अवधि और शासन संरचनाओं को तय करने के लिए अधिक स्वायत्तता और स्वतंत्रता दी जाएगी।
सार्वजनिक संस्थानों को 1,000 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान भी मिलेगा, जबकि निजी संस्थानों को इस योजना के तहत कोई धन नहीं मिलेगा।
सरकार ने प्रतिष्ठित संस्थानों को घोषित करने के लिए विश्वविद्यालयों को तीन श्रेणियों सार्वजनिक, निजी और ग्रीनफ़ील्ड में माना। ग्रीनफील्ड संस्थान वो हैं जो अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं लेकिन उन्हें 5000 करोड़ या अधिक की नेट वर्थ वाले संस्थानों द्वारा स्थापित किया जाना है। चूंकि इस योजना का जोर वैश्विक रैंकिंग के लिए संस्थानों को तैयार करना है, इसलिए केवल IoE स्टेटस वाले संस्थानों को ही वैश्विक रैंकिंग के लिए प्रेषित किया जाएगा।
इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के लक्ष्य
- ज्ञान की ऐसी शाखाओं में उत्कृष्टता और नवाचारों के लिए उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदान किया जा सकता है, जो स्नातकोत्तर, स्नातक और अनुसंधान डिग्री स्तर और पुरस्कार डिग्री, डिप्लोमा और अन्य शैक्षणिक स्तर पर जरूरी हों।
- उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण और अनुसंधान के लिए और विभिन्न विषयों में पर्याप्त समय संकाय और अनुसंधान विद्वानों द्वारा पर्याप्त संख्या में किए गए विभिन्न अनुसंधान कार्यक्रमों के माध्यम से ज्ञान और इसकी उन्नति के लिए;