इसरो का GISAT-1 मिशन असफल रहा : मुख्य बिंदु
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-F10 EOS-03 मिशन अथवा GISAT-1 मिशन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल हो गया है। पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-03 (Earth Observation Satellite-03) को 12 अगस्त को सुबह लॉन्च किया किया। इस लांच के पहले दो चरणों ने ठीक से काम किया, लेंकिन क्रायोजेनिक अप्पर स्टेज में तकनीकी खामी के कारण राकेट इस उपग्रह को उचित कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा।
GSLV-F10 EOS-03 मिशन
- जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-F10 (GSLV-F10) 12 अगस्त को सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC), श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-03) लॉन्च करेगा।
- EOS-03 एक अत्याधुनिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। इसे GSLV-F10 द्वारा जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में रखा जाएगा।
- GSLVकी इस उड़ान में पहली बार उपग्रह 4 मीटर व्यास वाले ओगिव के आकार का पेलोड भी ले जाएगा।
- यह जीएसएलवी की 14वीं उड़ान होगी।
जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV)
GSLV इसरो का एक एक्सपेंडेबल लॉन्च सिस्टम है। 2001 से 2018 तक 13 लांच में इसका उपयोग किया गया है। GSLV, GSLV मार्क III से पूरी तरह से अलग है, भले ही वे नाम साझा करते हैं। GSLV परियोजना को पहली बार 1990 में भू-समकालिक उपग्रहों (geosynchronous satellites) के लिए भारतीय प्रक्षेपण क्षमता हासिल करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
क्या GSLV PSLV के समान है?
GSLV पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) लॉन्च वाहनों के प्रमुख घटकों का उपयोग करता है। इसमें ठोस रॉकेट बूस्टर S125/S139 और तरल-ईंधन वाले विकास इंजन का उपयोग किया गया है। Geostationary Transfer Orbit (GTO) में उपग्रह को इंजेक्ट करने के लिए आवश्यक थ्रस्ट के लिए तीसरा चरण एक LOX/LH2 क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित है।
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अच्छा होता यदि वह अवलोकन उपग्रह अपने लक्ष्य तक पहुंच पाता।