इसरो ने अगले दशक के लिए अपनी योजना जारी की
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल ही में अगले एक दशक के लिए अपनी योजना जारी की। इस योजना में री-यूज़ेबल उपग्रह लांच व्हीकल, हैवी लिफ्ट रॉकेट और सेमी-क्रायोजेनिक इंजन शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
2021-2030 के दशक में इसरो को अपने चंद्र मिशन चंद्रयान -3, सौर मिशन आदित्य-एल 1 और पहले भारतीय डेटा रिले उपग्रह के कार्य को पूरा करेगा। साथ ही, अंतरिक्ष एजेंसी लघु उपग्रह प्रक्षेपण वाहन की पहली विकासात्मक उड़ान को भी पूरा करेगी।
तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre) सेमी-क्रायोजेनिक प्रणोदन क्षमता को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इसके साथ, भारतीय रॉकेट 5.5 टन के पेलोड को जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट में ले जाने में सक्षम होंगे।
आदित्य मिशन
आदित्य-एल 1 मिशन सूर्य के लिए पहला भारतीय वैज्ञानिक अभियान है। आदित्य प्रोब को L1 लग्रेंज बिंदु नामक अंतरिक्ष में एक बिंदु पर रखा जाएगा और इसलिए इसका नाम आदित्य-एल 1 मिशन रखा गया है। यह मिशन सूर्य के प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर, कोरोना का अध्ययन करेगा। यह सौर हवाओं, सौर उत्सर्जन और कोरोनल मास इजेक्शन का भी अध्ययन करेगा।
चंद्रयान -3 मिशन
यह इसरो का तीसरा चंद्र अभियान है। यह बहुत हद तक चंद्रयान -2 से मिलता-जुलता है। चंद्रयान -2 मिशन के तहत, लैंडर चंद्र सतह पर उतरने में विफल रहा था। चंद्रयान -3 में केवल रोवर और लैंडर शामिल हैं। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा।
भारतीय डेटा रिले उपग्रह
भारत अंतरिक्ष परिसंपत्तियों को ट्रैक करने और अंतरिक्ष संपत्ति के बीच संचार को सक्षम करने के लिए डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम श्रृंखला लांच करेगा। इसरो ने इस श्रृंखला में तीन उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बनाई है। प्रत्येक उपग्रह पृथ्वी का एक तिहाई भाग घेरेगा।
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