ईंधन दक्षता बढ़ाने के लिए 4-व्हीलर टायरों के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया

केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने हाल ही में ईंधन दक्षता (fuel efficiency) बढ़ाने के लिए 4-पहिया टायरों के लिए मसौदा नियमों के बारे में अधिसूचित किया है। नए मॉडल के टायरों के लिए मानदंड 1 अक्टूबर, 2021 से प्रभावी होंगे, जबकि मौजूदा मॉडल के लिए, 1 अक्टूबर, 2022 से। यूरोप में पालन किए जाने वाले मानदंडों की तर्ज पर यह मानदंड तैयार किए गए हैं।

मुख्य बिंदु

मसौदा मानदंडों (draft norms) के अनुसार कारों, बसों और ट्रकों के टायरों को गीली पकड़ (wet grip), रोलिंग प्रतिरोध (rolling resistance) और रोलिंग ध्वनि उत्सर्जन (rolling sound emissions) जैसी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए। टायरों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नए मानदंड प्रस्तावित किए गए हैं। ऑटोमोटिव उद्योग मानक (Automotive Industry Standards) 142:2019 के चरण- II में निर्दिष्ट नियमों के अनुसार नए मानदंड प्रस्तावित किए गए हैं।

महत्व

इन मानकों के अनुसार, टायरों के रोलिंग प्रतिरोध का ईंधन दक्षता पर प्रभाव पड़ता है। गीली पकड़ गीली परिस्थितियों में टायरों के बेहतर ब्रेकिंग प्रदर्शन में मदद करती है। जबकि, रोलिंग ध्वनि उत्सर्जन मानक गति और सड़क की सतह में टायरों के बीच संपर्क से निकलने वाली ध्वनि को कम कर देंगे। यह उपयोगकर्ता को बेहतर निर्णय लेने में भी मदद करेगा।

ऑटोमोटिव उद्योग मानक (Automotive Industry Standards – AIS)

AIS भारत में अपनाए जाने वाले ऑटोमोटिव तकनीकी विनिर्देश हैं और UNECE (United Nations Economic Commission for Europe) के मानदंडों के आधार पर तैयार किए गए हैं ।

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