उडुपी जिला

उडुपी जिला कर्नाटक के गठित जिलों में से एक है। इसका गठन वर्ष 1997 में किया गया था। यह उत्तर कन्नड़ जिले और दक्षिण कन्नड़ जिले के बीच स्थित है। यह पूर्व में शिमोगा जिले और चिकमगलूर जिले से घिरा है। इसके पश्चिम में अरब सागर है।
उडुपी जिले का भूगोल
यह जिला 13 डिग्री 04 मिनट और 13 डिग्री 59 मिनट उत्तरी अक्षांश और 74 डिग्री 35 मिनट और 75 डिग्री 12 मिनट पूर्वी देशांतर के बीच 3575 वर्ग किमी के क्षेत्र में स्थित है। उडुपी जिले को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है। इनमें घनी आबादी वाला तटीय क्षेत्र, लहरदार आंतरिक क्षेत्र और पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला का क्षेत्र शामिल है, जिसमें वनस्पतियों और जीवों से भरपूर सदाबहार घने जंगल हैं। उडुपी जिला नंबर 10 तटीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहाँ की जलवायु वर्ष के अधिकांश भाग में अत्यधिक आद्र रहती है। औसत वर्षा 4209 मिमी है। लगभग 80 प्रतिशत वर्षा जून से अगस्त तक होती है। दिसंबर में तापमान 21 डिग्री सेल्सियस से लेकर अप्रैल में 36 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। उडुपी जिला मुख्य रूप से कृषि प्रधान जिला है। 80 प्रतिशत से अधिक आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। उपलब्ध भूमि का केवल 40 प्रतिशत ही कृषि के लिए उपयोग किया जाता है।
उडुपी जिले की अर्थव्यवस्था
कृषि मुख्य रूप से घाटी क्षेत्र तक ही सीमित है और मानसून के आधार पर खरीफ की खेती तक ही सीमित है। उडुपी जिले में कोई बड़ी सिंचाई योजना नहीं है। लघु सिंचाई योजनाओं में सतही जल और भूजल दोनों योजनाएँ शामिल हैं। जिले में उगाई जाने वाली मुख्य फसलें तटीय क्षेत्र में धान और दालें, गन्ना, मूंगफली और नारियल हैं। अंतर भूमि में नारियल और सुपारी पाए जाते हैं। जिले में उगाई जाने वाली अन्य फसलों में आम, सपोटा, काजू, केला, कटहल आदि जैसी बागवानी फसलें हैं।

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