उत्तर-पूर्व में फैला अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever), जानिये क्या है अफ्रीकन स्वाइन फीवर?
अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने मेघालय को जकड़ लिया है। इससे पहले इसने मिजोरम को भी प्रभावित किया था।
वर्तमान परिदृश्य
अफ्रीकन स्वाइन फीवर के कारण मिजोरम में एक महीने में 1,700 सुअर मारे गये हैं। यह अब मेघालय तक फैल गया है और अब तक यहां 300 सुअर मारे जा चुके हैं।
फिलीपींस में अफ्रीकन स्वाइन फीवर
फिलीपींस सरकार ने हाल ही में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के प्रभाव को दूर करने के लिए देश को एक वर्ष के लिए आपदा की स्थिति में रखा है। अफ्रीकन स्वाइन फीवर का पहला मामला 2019 में सामने आया था। इसने 2019 में अपने प्रकोप के बाद से तीन मिलियन से अधिक हॉग्स (पालतू सूअर) को मार दिया है।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर क्या है?
- यह पहली बार 1920 में अफ्रीका में पाया गया था।
- इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और इस बीमारी को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका उन जानवरों को मारना है।
- यह इंसान के लिए खतरा नहीं है। इसका कारण यह है कि यह रोग पशु से पशु में फैलता है।
- अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस कम तापमान के लिए प्रतिरोधी है। यह वायरस तभी मरता है जब सूअरों को 70 से 100 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है।
- यह अत्यधिक संक्रामक है और एक सीमापारीय रोग है।
- 2016 और 2019 के बीच, यूरोप, एशिया और अफ्रीका में 10,211 प्रकोप थे।
OIE
- अफ्रीकन स्वाइन फीवर को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन World Organisation for Animal Health (OIE) Terrestrial Animal Health Code में शामिल किया गया है।
- OIE के अनुसार, इसके 24% सदस्य देशों ने इस बीमारी की सूचना दी है।
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