उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन किया गया

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जालौन, उत्तर प्रदेश में किया गया।

मुख्य बिंदु 

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किमी लंबा एक्सप्रेसवे है।
  • यह 7 जिलों से होकर गुजरेगा और अंत में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा।
  • यह एक्सप्रेसवे एक औद्योगिक उछाल लाकर इस क्षेत्र में एक सहज संपर्क प्रदान करेगा और आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देगा।

एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत कौन-कौन से स्थान शामिल होंगे?

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले के भरतकूप से शुरू होता है। यह इटावा जिले के कुदरैल गांव में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह चित्रकूट, महोबा, बांदा, जालौन, हमीरपुर, औरैया और इटावा नामक सात जिलों को पार करता है। यह बागान, केन, बिरमा, श्यामा, बेतवा, चंदावल, यमुना और सेंगर जैसी नदियों को पार करता है।

परियोजना का परिव्यय

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को 14,850 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के तहत बनाया गया है। यह 4-लेन एक्सप्रेसवे है, जिसे बाद में 6-लेन तक बढ़ाया जा सकता है।

एक्सप्रेस वे का महत्व

यह एक्सप्रेसवे राज्य में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगा।  यहराज्य में कनेक्टिविटी में सुधार करने वाली प्रमुख कड़ी में से एक है। इससे दिल्ली और चित्रकूट के बीच का सफर 3-4 घंटे कम हो जाएगा। दिल्ली से चित्रकूट का सफर 6 घंटे में पूरा किया जा सकता है, जो पहले 9-10 घंटे में होता था। यह उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारा परियोजना के लिए भी महत्वपूर्ण है। बांदा और जालौन जिलों में भी औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिसका फायदा एक्सप्रेस-वे को मिलेगा।

यूपी में एक्सप्रेसवे

उत्तर प्रदेश में कुल 13 एक्सप्रेसवे प्रस्तावित थे। 13 में से 3200 किमी लंबाई वाले 6 एक्सप्रेसवे उपयोग में हैं। वहीं, 7 निर्माणाधीन हैं। प्रदेश में एक्सप्रेस-वे और हाईवे औद्योगिक क्षेत्र बनते जा रहे हैं। आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल करने के लिए वायुसेना की ओर से हवाई पट्टी भी विकसित की जा रही है।

कनेक्टिविटी पर फोकस

कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर नरेंद्र मोदी की सरकार का मुख्य फोकस है। 2022-23 के बजट में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1.99 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि 2013-14 में 30,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

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