एशिया आर्थिक संवाद (Asia Economic Dialogue) 2023 का आयोजन किया गया
विदेश मंत्रालय ने हाल ही में पुणे में एशिया आर्थिक संवाद (Asia Economic Dialogue) की मेजबानी की। इस संवाद का मुख्य फोकस भू-अर्थशास्त्र (geo-economics) पर था। यह “Asia and the Emerging World Order” थीमके तहत आयोजित किया गया था। इस संवाद में मेटावर्स, G20 एजेंडे को आकार देने, जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने आदि में वैश्विक दक्षिण की भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। 44 से अधिक देशों ने इस संवाद में भाग लिया। इसमें मेक्सिको, सिंगापुर, मालदीव, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, ब्राजील, स्विट्जरलैंड आदि शामिल हैं।
संवाद का महत्व
एशिया में 4.7 अरब लोग रहते हैं और यह दुनिया की आबादी का 60% हिस्सा है। IMF के अनुसार, एशिया हाल के दिनों में तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक है। विश्व के प्रमुख उपभोक्ता भारत और चीन एशिया में हैं। इसलिए एशिया को शामिल किए बिना कोई भी देश अपना व्यापार बाजार नहीं बढ़ा सकता!
भविष्य
एशिया की प्रमुख शक्तियाँ भारत, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया हैं। वे निकट भविष्य में तेजी से बढ़ेंगे। यहां COVID रिकवरी तेजी से हुई है। इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, बांग्लादेश, थाईलैंड, मलेशिया और श्रीलंका को सहायता की आवश्यकता है।
एशिया वैश्विक बाजार का प्राथमिक फोकस क्यों है?
बहुत सस्ता श्रम और आसानी से जमीन की उपलब्धता एशिया को आकर्षक बनाती है। सीमाओं के पार विवाद रक्षा व्यापार के लिए फायदेमंद होते हैं। इस क्षेत्र में एक उष्णकटिबंधीय जलवायु है और यह संसाधनों में बहुत समृद्ध है। इसलिए कच्चे माल की उपलब्धता आसान है।
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