ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी ध्वज का कॉपीराइट खरीदा, जानिए क्या है पूरा मामला?
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने आदिवासी ध्वज का कॉपीराइट खरीदा है, ताकि पहचान चिन्ह को इस बात से मुक्त किया जा सके कि इसका उपयोग कौन कर सकता है।
मुख्य बिंदु
- आदिवासी ध्वज को आदिवासी कलाकार हेरोल्ड थॉमस ने 1971 में एक विरोध छवि के रूप में बनाया था। हालाँकि, यह अब एक आधिकारिक राष्ट्रीय ध्वज और प्रमुख आदिवासी प्रतीक है।
- यह ध्वज अब किसी भी कानूनी खतरे का पालन किए बिना किसी के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
- कॉपीराइट हासिल करने और लीज समझौतों को समाप्त करने के लिए सरकार ने 20 मिलियन डालर से अधिक का भुगतान किया।
ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी झंडा (Australian Aboriginal Flag)
ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी ध्वज ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह ऑस्ट्रेलिया का आधिकारिक रूप से घोषित ध्वज है। इसे राष्ट्रीय ध्वज और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर ध्वज के साथ विशेष कानूनी और राजनीतिक दर्जा प्राप्त है। इस ध्वज को 1971 में हेरोल्ड थॉमस द्वारा डिजाइन किया गया था। वह एक आदिवासी कलाकार थे, जो मध्य ऑस्ट्रेलिया के लुरिट्जा के वंशज थे। उनके पास जनवरी 2022 तक ध्वज के डिजाइन के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार था। उन्होंने अब कॉपीराइट को राष्ट्रमंडल सरकार को स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने भूमि अधिकार आंदोलन के लिए ध्वज को डिजाइन किया था और यह ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी लोगों का प्रतीक बन गया।
ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी (Aboriginal Australians) कौन हैं?
ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी ऑस्ट्रेलियाई मुख्य भूमि और इसके द्वीपों जैसे फ्रेजर द्वीप, तस्मानिया, तिवारी द्वीप, हिनचिनब्रुक द्वीप और ग्रोट आइलैंड के स्वदेशी लोग हैं। स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई (Indigenous Australians) शब्द सामूहिक रूप से आदिवासी ऑस्ट्रेलियाई और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर्स को संदर्भित करता है। अधिकांश आदिवासी लोग अंग्रेजी बोलते हैं।
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