ओडिशा के गाँव
ओडिशा के गाँव प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं, जिनमें समुद्र तट, नदियाँ, समृद्ध वन्य जीवन आदि हैं। कई गाँव बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित हैं। गांवों में हरे-भरे और उपजाऊ मैदान हैं जिनमें ताड़, नारियल के पेड़ और मैंग्रोव हैं। ओडिशा के गांव परंपरा और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध हैं और ग्रामीण साल भर कई रंगीन त्योहार मनाते हैं। ओडिशा की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांवों में रहता है। कई आदिवासी समुदाय ओडिशा के गांवों में भी निवास करते हैं। ओडिशा के गांवों में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा उड़िया है।
ओडिशा के गांवों में शिक्षा
ओडिशा के गांवों में एक प्रभावशाली शैक्षिक परिदृश्य है। ओडिशा के गांवों में कई सरकारी प्राथमिक विद्यालय स्थापित किए गए हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र शहरी क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। ओडिशा में ग्रामीण साक्षरता दर अच्छी है। सरकार ओडिशा के गांवों की शैक्षिक स्थिति को और बेहतर बनाने केका कार्य कर रही हैं।
ओडिशा के गांवों में व्यवसाय
ओडिशा के गांवों में व्यवसाय का प्रमुख स्रोत कृषि है। ओडिशा के गाँव भारत में चावल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक हैं और वे देश के कुल चावल उत्पादन में लगभग दसवें हिस्से का योगदान करते हैं। चावल के अलावा ओडिशा के गांवों में खेती की जाने वाली अन्य प्रमुख फसलों में जूट, तिलहन, दालें, नारियल, गन्ना, चाय, रबर, कपास, चना, सरसों, मक्का, तिल, रागी, आलू, सोयाबीन आदि शामिल हैं। बहुत से लोग ओडिशा के गांवों में भी गैर-कृषि गतिविधियों में लगे हुए हैं। वे वन आधारित पशुपालन और खनिज, सीमेंट, कागज, चीनी, उर्वरक, लोहा और इस्पात, हथकरघा आदि उद्योगों सहित विभिन्न व्यवसायों में शामिल हैं। ओडिशा के गांवों में व्यवसाय का एक अन्य प्रमुख स्रोत कला और शिल्प है। ओ
ओडिशा के गांवों में संस्कृति
ओडिशा के गांवों में कला और सांस्कृतिक गतिविधियों की समृद्ध परंपरा है। ग्रामीण लोग साल भर विभिन्न मेलों और त्योहारों को धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। ग्रामीण सभी लोकप्रिय त्योहारों और क्षेत्रीय और स्थानीय त्योहारों को भी मनाते हैं। ‘रथ यात्रा’ ओडिशा का प्रमुख त्योहार है। ओडिशा के गांवों में मनाए जाने वाले अन्य प्रमुख त्योहारों में धनु यात्रा, माघ सप्तमी, मकर संक्रांति, महाष्टमी, कुमार पूर्णिमा, दीपावली अमावस्या, श्री नृसिंह चतुर्दशी, जन्माष्टमी, कार्तिक पूर्णिमा, नवरात्रि, श्री विनायक चतुर्थी या गणेश चतुर्थी, राखी पूर्णिमा आदि शामिल हैं। ओडिशा के गांवों में लोग मेलों और त्योहारों के दौरान पारंपरिक संगीत और नृत्य के विभिन्न रूपों का प्रदर्शन करते हैं। गांवों में सबसे लोकप्रिय लोक या पारंपरिक संगीत रूपों में बालीपूजा गीता, केंद्र गीता, जयफुला गीता, भजन, सरिमन, चंपू, मलाश्री, व्यंजनी, चतुरंग, त्रिभंग, आदि शामिल हैं। त्योहारों के दौरान किए जाने वाले अन्य लोकप्रिय नृत्य रूपों में छऊ, नागा नृत्य, हुमो, बाउली, झुल्की, जमुदली, मायालाजार, गुंजिकाता, घूमरा आदि शामिल हैं।