ओशन रिवाइल्डिंग (Ocean Rewilding) क्या है?
COP26 में ओशिन रिवाइल्डिंग के पेश होने की उम्मीद है। 86 यूरोपीय संगठनों का एक नेटवर्क पृथ्वी के समुद्री जीवन को पुनर्जीवित करने के तरीके खोजने के लिए मिलकर काम कर रहा है।
रिवाइल्डिंग (rewilding) का अर्थ प्राकृतिक अप्रभावित स्थिति को बहाल करना है। यह जानवरों या पौधों की प्रजातियों को पेश करके किया जाता है जिन्हें किसी क्षेत्र में नष्ट कर दिया गया है। ओशिन रिवाइल्डिंग का अर्थ फिर से महासागरों में पौधों और जानवरों को पेश करना है और उन्हें मानवीय हस्तक्षेप के बिना बढ़ने की अनुमति देना है।
ओशिन रिवाइल्डिंग महत्वपूर्ण क्यों है?
आज महासागरों ने नीले कार्बन (blue carbon) को संग्रहीत करने की अपनी क्षमताओं को खो दिया है। तटीय प्रणालियों और महासागरों द्वारा पकड़े जाने वाले कार्बन को नीला कार्बन कहा जाता है। यह भूमि द्वारा कैप्चर किये जाने कार्बन से अधिक है।
जैव पुनर्स्थापना परियोजना (Bio Restore Project)
यह एक ओशिन रिवाइल्डिंग परियोजना है जिसे 2012 में फ्रांस द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य तटीय मछली की आबादी को बहाल करना है। इस कार्यक्रम के तहत, फ्रांसीसी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में मछलियों की 80 से अधिक प्रजातियां फिर से पेश की गई हैं।
Sea Grass Restoration Project
इसे यूके द्वारा 2020 में लॉन्च किया गया था। यह भी एक ओशन रिवाइल्डिंग प्रोजेक्ट है। इस परियोजना के तहत इंग्लैंड के दक्षिणी तट पर आठ अलग-अलग समुद्री घास लगाई जाएँगी।
कार्बन पृथक्करण (Carbon Sequestration)
यह एक कृत्रिम प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल से हटा दिया जाता है और तरल या ठोस रूप में धारण किया जाता है।
COP26
संयुक्त राष्ट्र ग्लासगो में COP26 की मेजबानी करेगा। यह जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते और संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लक्ष्यों में तेजी लाने के लिए पार्टियों को एक साथ लाएगा।
Categories: पर्यावरण एवं पारिस्थिकी करेंट अफेयर्स
Tags:Bio Restore Project , blue carbon , blue carbon in hindi , Carbon Sequestration , Carbon Sequestration in Hindi , COP26 , Current Affairs in Hindi , Hindi Current Affairs , Ocean Rewilding , Ocean Rewilding for UPSC , Ocean Rewilding in Hindi , Sea Grass Restoration Project , What is Carbon Sequestration? , What is Ocean Rewilding? , कार्बन पृथक्करण , ग्लासगो , जलवायु परिवर्तन , नीला कार्बन , संयुक्त राष्ट्र , संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन