‘कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव’ (Kanya Shikhsa Pravesh Utsav) लांच किया गया

‘कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव’ स्कूल न जाने वाली भारतीय लड़कियों को औपचारिक शिक्षा और कौशल प्रणाली में वापस लाने का एक अभियान है।

लॉन्च इवेंट 

  • यह अभियान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च 2022) की पूर्व संध्या पर महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शिक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के सहयोग से शुरू किया गया था।
  • इस लॉन्च इवेंट में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, ​​महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय और राज्य सचिवों और देश भर के अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कई किशोरियों ने भी लॉन्च इवेंट में भाग लिया और स्कूल में फिर से जुड़ने के अपने अनुभव साझा किए।

अभियान के बारे में

  • इस अभियान का उद्देश्य स्कूल में किशोरियों (11 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों) की संख्या के नामांकन (enrolment) और प्रतिधारण (retention) को बढ़ाना है। यह अभियान लड़कियों के लिए मौजूदा योजनाओं जैसे बेटी बचाओ बेटी पढाओ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, किशोर लड़कियों के लिए योजना आदि पर आधारित है।
  • इस अभियान को महिला और बाल विकास मंत्रालय की बेटी बचाओ बेटी पढाओ परियोजना के हिस्से के रूप में लागू किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ योजना के तहत सभी राज्यों के 400 जिलों को स्कूलों में किशोर लड़कियों के नामांकन के लिए परिवारों को संवेदनशील बनाना है।
  • इस अभियान के लिए ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तहत धन का भी उपयोग किया जाएगा। साथ ही, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) को स्कूल न जाने वाली लड़कियों को रेफर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

COVID संकट के कारण, कई लड़कियों को औपचारिक शिक्षा से बाहर कर दिया गया। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने के लिए ऐसी लड़कियों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में वापस लाना महत्वपूर्ण है।

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