कपिस्थलम मंदिर

कपिस्थलम मंदिर को “कृष्णान्यक्षेत्रम्” कहा जाता है। मंदिर तंजावुर, कुंभकोणम के पास पापनासम से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। “पंचकृष्ण क्षेत्र” तिरुवज़ुंदुर, तिरुक्कन्नकुडी, कपिस्तलम, कन्नपुरम और कन्नमंगई हैं। यहाँ देवता गजेन्द्र वरदान (विष्णु) हैं, पूर्व की ओर मुख किये हुए एक आसन में। अंडाल और संतनकृष्णन के यहाँ मंदिर हैं।

कपिस्थलम मंदिर की संरचना
इस मंदिर में 3-तीक्ष्ण गोपुरम और एक एकल स्तुकारम पूर्व की ओर है।

कपिस्थल मंदिर की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने प्रार्थना को सुनकर, गजेंद्र को एक मगरमच्छ के चंगुल से हाथियों के राजा से बचाया। एक अन्य किंवदंती यह भी कहती है कि, वली और सुग्रीव ने यहाँ विष्णु की पूजा की इसलिए इसका नाम कपिस्थलम पड़ा।

कपिस्थलम मंदिर में उत्सव
गजेंद्र मोक्षम पंकुनि के महीने में बनाया गया है। यहां मनाए जाने वाले अन्य त्योहारों में वैकुंठ एकादसी, राम नवमी और अक्षय तृतीया शामिल हैं।

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *