कमर्शियल पेपर किसे कहते हैं?
बड़ी कंपनियां अल्पकालिक वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने मौजूदा निवेशकों को जो प्रतिभूति जारी करती हैं, उसे कमर्शियल पेपर कहते हैं। इसमें किसी नियामक एजेंसी की गारंटी नहीं होती है। लिहाजा इसे बाजार में बगैर गारंटी वाले वित्तीय निवेश प्रपत्रों के तौर पर जाना जाता है। भारत सरकार ने वर्ष 1990 में इसकी इजाजत कॉरपोरेट घरानों को तब दी थी जब वे भारी कर्ज में डूबे हुए थे और उनके पास वेतन जैसी मूलभूत बातों के लिए भी फंड नहीं था। इसे सात दिनों से लेकर एक वर्ष तक के लिए जारी किया जाता है। प्राइमरी डीलर्स और देश के तमाम वित्तीय संस्थान समय समय पर इसे जारी करते हैं और निवेशकों में इसको लेकर काफी उत्साह भी रहता है।