कश्मीर में नमदा शिल्प (Namda Craft) को पुनर्जीवित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने कश्मीर के नमदा शिल्प (Namda Craft) को पुनर्जीवित करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की।

नमदा शिल्प के लिए पायलट परियोजना की मुख्य विशेषताएं

  • यह परियोजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत लांच की गई थी।
  • इसे 25 बैचों में लागू किया जायेगा। इन 25 बैचों को तीन चक्रों में प्रशिक्षित किया जाना है। प्रत्येक प्रशिक्षण चक्र साढ़े तीन माह तक चलेगा।
  • इस परियोजना से 2,250 लोगों को लाभ होगा।
  • यह परियोजना Recognition of Prior Learning (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का एक घटक) के माध्यम से लोगों की शिक्षा को बढ़ाएगी।

नमदा शिल्प क्या है?

  • नमदा भेड़ के ऊन से बना गलीचा है। यह शिल्प सामान्य बुनाई प्रक्रिया के बजाय फेल्टिंग तकनीक का उपयोग करता है।  इसका उपयोग गद्दे और बिस्तर के कवर बनाने के लिए भी किया जाता है।
  • अमीर हो या गरीब हर कश्मीरी घर में फर्श पर बैठने की संस्कृति होती है। और जाड़ों में फर्श बेहद ठंडा हो जाता है। यही कारण है कि कश्मीर में नमदा शिल्प विकसित हुआ।

पायलट प्रोजेक्ट क्यों शुरू किया गया?

कुशल जनशक्ति की कमी और कच्चे माल की कम उपलब्धता के कारण, 1998 और 2008 के बीच नमदा शिल्प का निर्यात 100% कम हो गया है।

नमदा बाजार

नमदा बाजार मुख्य रूप से कश्मीर के बारामूला, रेनवारी और अनंतनाग इलाकों में स्थित है। यूरोप और जापान नमदा के सबसे आकर्षक निर्यात गंतव्य हैं। राजस्थान के टोंक में भी नमदा बनाया जाता है।

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