काराकोरम वन्यजीव अभयारण्य
काराकोरम वन्यजीव अभयारण्य लेह जिले में काराकोरम रेंज के सबसे पूर्वी भाग में स्थित है। यह चिरू या “तिब्बती मृग” की प्रवासी आबादी वाले भारत के कुछ स्थानों में से महत्वपूर्ण है। इस अभयारण्य का नाम काराकोरम पर्वतमाला के नाम पर रखा गया है। काराकोरम वन्यजीव अभयारण्य दुर्लभ और जंगली जानवरों और पौधों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रजनन केंद्र और अधिवास है। जंगली भेड़ और बकरी की प्रजातियाँ जैसे कि इबेक्स, लद्दाखी यूरियाल और अर्गली भी यहाँ पाई जाती हैं। इस अभयारण्य में इनके अलावा भी बहुत कुछ है। कुछ प्रजातियाँ जैसे डबल कूबड़ (बैक्ट्रियन) ऊंट आसपास के क्षेत्र में निवास करते हैं। इन प्रजातियों के अलावा काराकोरम वन्यजीव अभयारण्य में चिरू या तिब्बती मृग, हिमालयी आइबेक्स, शापो, भराल, जंगली याक, हिम तेंदुआ, लिंक्स, भेड़िया, लाल लोमड़ी, हिमालयी माउस खरगोश, हिमालयन मर्मोट, ऊदबिलाव, ऊनी खरगोश आदि पाये जाते हैं। इस अभयारण्य के पक्षियों में टफ्टेड डक या टफ्टेड पिलचर्ड, गूसेंडर, शॉर्ट-टीड ईगल, बूटेड ईगल, गोल्डन ईगल, लेमरगीर या बोर्डेड गिद्ध, हिमालयन ग्रिफॉन वल्चर, हिमालयन स्नो कॉक आदि शामिल हैं। यद्यपि अभयारण्य में जीवों में बहुत अधिक भिन्नता है, वनस्पति भाग भी एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित करता है। इस अभयारण्य की नदी की वनस्पति को प्राकृतिक नदी वनस्पति और कृत्रिम वनस्पति के रूप में विभाजित किया गया है। प्राकृतिक नदी वनस्पति में चौड़ी-चौड़ी झाड़ियाँ शामिल हैं, जैसे, रोसिया वेबबियाना, एफेड्रा, कारागियाना और कई झाड़ियाँ। काराकोरम वन्यजीव अभयारण्य आसपास की सुंदरता के लिए विख्यात है जो वनस्पतियों और जीवों की दुर्लभ प्रजातियों के आश्चर्यजनक अस्तित्व के साथ पूरे क्षेत्र में व्याप्त है।