कार्बी आंगलोंग शांति समझौता (Karbi Anglong Peace Accord) क्या है?

ऐतिहासिक त्रिपक्षीय कार्बी आंगलोंग समझौते पर 4 सितंबर, 2021 को भारत सरकार, असम सरकार और कार्बी के छह गुटों के बीच हस्ताक्षर किए गए।

मुख्य बिंदु 

  • इस समझौते के अनुसार, सशस्त्र समूह कार्बी आंगलोंग शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की तारीख के एक महीने के भीतर हिंसा का रास्ता छोड़ देंगे, अपने हथियारों को आत्मसमर्पण कर देंगे और अपने संगठनों को भंग कर देंगे।
  • इसके तहत कार्बी समूहों के कब्जे वाले सभी शिविरों को तुरंत खाली कर दिया जाएगा।
  • हजारों उग्रवादी मुख्यधारा में लौट आएंगे और अपने पास मौजूद करीब 300 अत्याधुनिक हथियार भी डाल देंगे।

इस समझौते की मुख्य विशेषताएं

  • यह समझौता व्यवस्था करता है कि, असम सरकार कार्बी को KAAC की आधिकारिक भाषा के रूप में अधिसूचित करने के लिए कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (Karbi Anglong Autonomous Council – KAAC) के प्रस्ताव पर अनुकूल रूप से विचार करेगी।
  • अंग्रेजी, हिंदी और असमिया का उपयोग आधिकारिक भाषाओं के रूप में जारी रहेगा।
  • भारत सरकार KAAC के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये (प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये) आवंटित करेगी।
  • असम सरकार उन विकास परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित करेगी जिन्हें विशेष पैकेज के हिस्से के रूप में लिया जाएगा।
  • कार्बी युवाओं की भर्ती के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस को विशेष अभियान चलाना होगा।
  • सशस्त्र समूहों के खिलाफ दायर गैर-जघन्य मामलों को असम सरकार द्वारा कानून के अनुसार वापस ले लिया जाएगा। हालाँकि, जघन्य मामलों के लिए मामला-दर-मामला आधार पर निर्णय लिया जाएगा। 
  • असम सरकार स्वायत्त राज्य की मांग को लेकर आंदोलन में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 5 लाख रुपये का वित्तीय मुआवजा प्रदान करेगी।

संस्थागत तंत्र

इस समझौते के अनुसार लंबित विधायी मामलों, वित्तीय लेनदेन और राजस्व के प्रवाह जैसे पारस्परिक चिंता के मुद्दों को हल करने के लिए समय-समय पर असम सरकार और KAAC के बीच समन्वय के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया जाएगा।

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