किबिथु सैन्य चौकी का नाम जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा गया
चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लोहित घाटी के पास एक सैन्य स्टेशन और एक प्रमुख सड़क का नाम देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा गया।
मुख्य बिंदु
- किबिथू भारत के पूर्वी भाग में लोहित घाटी के तट पर बसा एक छोटा सा गाँव है। सैन्य और सामरिक दृष्टि से किबिथु को एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।
- जनरल रावत ने 1999-2000 तक कर्नल के रूप में किबिथू में अपनी बटालियन 5/11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली और क्षेत्र के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने वालोंग से किबिथू तक 22 किमी लंबी सड़क का नाम ‘जनरल बिपिन रावत मार्ग’ रखा। इस अवसर पर जनरल रावत के आदमकद भित्ति चित्र का भी अनावरण किया गया।
जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat)
- वह उत्तराखंड के रहने वाले थे और 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने पर उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ मिला था।
- जनरल रावत के पास पिछले तीन दशकों में भारतीय सेना में युद्ध क्षेत्रों और विभिन्न कार्यात्मक स्तरों पर सेवा करने का जबरदस्त अनुभव है।
- उन्होंने पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LoC), चीन के साथ एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) और उत्तर-पूर्व में कई क्षेत्रों में विभिन्न परिचालन जिम्मेदारियों को संभाला है।
- वे भारत के CDS बनने वाले पहले व्यक्ति थे।
- पिछले वर्ष एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।
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